भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता से दोनों पक्षों के लिए तैयार हुआ लाभकारी ढांचा: नीलम शमी राव

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) दोनों पक्षों के लिए एक लाभकारी ढांचा तैयार करता है, जो ब्रिटेन के लिए सुरक्षित, टिकाऊ सोर्सिंग और प्रौद्योगिकी साझेदारी की पेशकश करता है और भारत के लिए बाजार पहुंच, टैरिफ में कमी, मानकों की पारस्परिक मान्यता और निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है। यह बयान वस्त्र मंत्रालय की सचिव, नीलम शमी राव की ओर से दिया गया।

भारत से एक एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल देश के वस्त्र उद्योग की क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए यूके गया हुआ है, जिसने मैनचेस्ट में आयोजित एक समर्पित तकनीकी वस्त्र रोड शो में तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन किया।

इस प्रतिनिधिमंडल में वस्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और मानव निर्मित रेशे, तकनीकी वस्त्र और टेक्सप्रोसिल सहित अन्य प्रमुख वस्त्र क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने भारत की मजबूत क्षमताओं और नवाचार-संचालित एवं सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

रोड शो में नीलम शमी राव ने कहा कि तकनीकी वस्त्र भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक हैं, जो अनुसंधान एवं विकास, उन्नत विनिर्माण और चक्रीय अर्थव्यवस्था प्रथाओं द्वारा संचालित हैं। उन्होंने दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) योजना के तहत स्थिरता, हरित विनिर्माण और अपशिष्ट न्यूनीकरण पर भारत के फोकस का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) दोनों पक्षों के लिए लाभकारी ढांचा तैयार करता है, जो ब्रिटेन के लिए सुरक्षित, टिकाऊ सोर्सिंग और प्रौद्योगिकी साझेदारी की पेशकश करता है, और भारत के लिए बाजार पहुंच, टैरिफ में कमी, मानकों की पारस्परिक मान्यता और निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।

राव ने ब्रिटेन के खुदरा विक्रेताओं और औद्योगिक उपयोगकर्ताओं को मजबूत और टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए भारत के लागत-प्रतिस्पर्धी, नवाचार-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के साथ साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल ने उन्नत सामग्रियों, टिकाऊ तकनीकी वस्त्रों और परिपत्र फैशन मॉडलों में साझेदारी की संभावनाओं का पता लगाने के लिए मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन विश्वविद्यालय में मैनचेस्टर फैशन इंस्टीट्यूट और ग्राफीन इंजीनियरिंग इनोवेशन सेंटर, मैनचेस्टर सहित अग्रणी नवाचार केंद्रों का भी दौरा किया।

--आईएएनएस

एबीएस/

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