बेंगलुरु में कर्मचारी की मौत के बाद ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक कर्मचारी द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल और सीनियर एग्जीक्यूटिव सुब्रत कुमार दास के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

जानकारी के मुताबिक, मृतक 38 वर्षीय के. अरविंद ने 28 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपने वरिष्ठों पर कार्यस्थल पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पुलिस ने बताया कि अरविंद के भाई अश्विन कन्नन की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, एफआईआर में भाविश अग्रवाल, सुब्रत कुमार दास (जो ओला में वाहन विनियमन प्रमुख हैं) और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शिकायत में अरविंद की मृत्यु के बाद लगभग 17.46 लाख रुपए की कथित वित्तीय अनियमितताओं का भी उल्लेख है।

यह घटना 28 सितंबर को हुई थी, जब अरविंद ने कथित तौर पर अपने घर पर जहर खा लिया था। उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।

बाद में उनके परिवार को एक मृत्यु नोट मिला, जिसमें कार्यस्थल पर लगातार उत्पीड़न के आरोपों का विस्तृत विवरण था और ओला के वरिष्ठ अधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी का मानव संसाधन विभाग अरविंद के बैंक खाते में किए गए कुछ मनी ट्रांसफर के बारे में स्पष्ट स्पष्टीकरण देने में विफल रहा।

जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि एफआईआर में नामित सभी व्यक्तियों को नोटिस जारी किए गए हैं।

अधिकारी ने कहा, "उन्होंने लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर दिया है और आगे की जांच जारी है।"

इस मामले पर ओला ने बयान जारी कर कहा है कि हम अपने सहयोगी अरविंद के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से बेहद दुखी हैं और इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। अरविंद साढ़े तीन साल से अधिक समय से ओला इलेक्ट्रिक से जुड़े थे और बैंगलोर स्थित हमारे मुख्यालय में कार्यरत थे।

अपने कार्यकाल के दौरान, अरविंद ने अपनी नौकरी या किसी भी उत्पीड़न के बारे में कभी कोई शिकायत या शिकायत दर्ज नहीं कराई। उनकी भूमिका में कंपनी के शीर्ष प्रबंधन, जिसमें प्रमोटर भी शामिल है, के साथ कोई सीधा संपर्क भी शामिल नहीं था।

हमने माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय में एफआईआर दर्ज करने को चुनौती दी है और ओला इलेक्ट्रिक एवं उसके अधिकारियों के पक्ष में सुरक्षात्मक आदेश पारित किए गए हैं।

कंपनी के प्रवक्ता ने अंत में कहा कि परिवार को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए, कंपनी ने तुरंत उनके बैंक खाते में पूर्ण और अंतिम भुगतान की सुविधा प्रदान की। ओला इलेक्ट्रिक जांच में पूरा सहयोग कर रही है और सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित, सम्मानजनक और सहायक कार्यस्थल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

-आईएएनएस

एबीएस/

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