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नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। अदाणी ग्रुप अगले पांच वर्षों में एनर्जी ट्रांजिशन में 75 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा। यह बयान चेयरमैन गौतम अदाणी ने मंगलवार को दिया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद में शताब्दी समारोह में बोलते हुए, अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि वह लगातार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी बनाने के लिए निवेश कर रहे हैं।
गौतम अदाणी ने बताया कि ग्लोबल ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन हमारे समय का सबसे बड़ा उद्योग बनकर उभर रहा है, जिसका मूल्य आने वाले दशकों में कई ट्रिलियन डॉलर होगा।
गौतम अदाणी ने कहा, "इससे बिजली आधारित मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन स्टील, ग्रीन फर्टिलाइजर, हाइड्रोजन इकोसिस्टम और महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा, जिस पर एआई और डिजिटल अर्थव्यवस्थाएं निर्भर करती हैं।"
चेयरमैन ने आगे कहा, "अदाणी ग्रुप अगले पांच वर्षों में एनर्जी ट्रांजिशन के क्षेत्र में 75 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है।"
इसके अलावा, गौतम अदाणी ने हाल ही में ब्राजील में हुए सीओपी-30 सम्मेलन के एक नैरेटिव की भी आलोचना की, जहां एक रिपोर्ट ने भारत की स्थिरता रैंकिंग को घटा दिया था। रिपोर्ट में तर्क दिया गया था कि भारत के पास कोयले से बाहर निकलने की कोई समय-सीमा नहीं है और वह कोयला ब्लॉकों की नीलामी जारी रखे हुए है।
अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन दुनिया में सबसे कम है और देश मानव इतिहास में सबसे तेज एनर्जी ट्रांजिशन की ओर बढ़ रहा है।
गौतम अदाणी ने भारत की सतत विकास प्रगति को परिभाषित करने वाले आंकड़े साझा करते हुए कहा, "भारत ने इस ग्रह को गर्म नहीं किया। फिर भी, अब विकसित दुनिया के अधिकांश लोग भारत से पृथ्वी को ठंडा करने की अपेक्षा रखते हैं।"
अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि भारत की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक गैर-जीवाश्म स्रोतों से आता है और देश ने वैश्विक स्तर पर स्वीकृत एक महत्वपूर्ण संख्या को अपने लक्ष्य से पूरे पांच साल पहले ही हासिल कर लिया है।
इसी तरह, 2015 में अपनाए गए पेरिस समझौते के तहत, जिस पर 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे, कोई भी अन्य प्रमुख देश अपने ऊर्जा मिश्रण को भारत जितनी तेजी से नहीं बदल पाया है।
गौतम अदाणी ने कहा, "प्रति व्यक्ति सबसे कम कार्बन उत्सर्जन वाले देशों में से एक, भारत मानव इतिहास में सबसे तेज ऊर्जा परिवर्तन भी कर रहा है।"
अपने अनुभवों और चिंतन के आधार पर, उद्योगपति ने छात्रों को व्यक्तिगत सलाह भी दी कि "सफलता कभी मिलती नहीं। उसे खोदा जाता है। उसे निकाला जाता है।"
गौतम अदाणी ने छात्रों से भारत के स्वतंत्रता सेनानी बनने और देश को "आर्थिक और संसाधन स्वतंत्रता" प्राप्त करने में मदद करने का आग्रह किया।
--आईएएनएस
एबीएस/