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मुंबई, 10 नवंबर (आईएएनएस)। अक्टूबर में 30 लाख से ज्यादा नए डीमैट खाते खुले हैं, जो कि बीते 10 महीनों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह जानकारी डिपॉजिटरीज की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई।
इससे पहले सिंतबर में 24.6 लाख डीमैट खाते खुले थे।
जानकारों का मानना है कि नए डीमैट खातों की संख्या में बढ़ोतरी होने की वजह इक्विटी बाजारों में रिकवरी, विदेशी निवेशकों के इनफ्लो की वापसी और बाजार में बड़े इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) का आना है।
अक्टूबर के डेटा को मिलाकर देश में कुल डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 21 करोड़ हो गई है, जो कि पिछले महीने 20.7 करोड़ थी।
भारत के प्राइमरी मार्केट में अक्टूबर में रिकॉर्ड 10 आईपीओ देखने को मिले थे और इन पब्लिक इश्यू ने मिलकर करीब 44,930 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई, जो कि देश के पूंजीबाजार में फंडिंग जुटाने का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
बड़ी संख्या में नए डीमैट खातों के खुलने की वजह बाजार के अच्छे प्रदर्शन को भी माना जा रहा है। अक्टूबर में सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमश: 3 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने क्रमश: 4 प्रतिशत और 3 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशक, जो कई महीनों से शुद्ध विक्रेता थे, अब खरीदार बन गए हैं और घरेलू इक्विटी में लगभग 1.6 अरब डॉलर का निवेश किया है।
वैश्विक निवेश बैंक गोल्डमैन सैश भारतीय शेयर बाजार पर बुलिश बना हुआ है और रेटिंग को अपग्रेड कर 'ओवरवेट' कर दिया है। साथ ही, निफ्टी के लिए 2026 के अंत तक 29,000 का टारगेट दिया है, जो कि मौजूदा स्तरों से 14 प्रतिशत ऊपर है।
गोल्डमैन सैश ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में भारत के विकास की रफ्तार और तेज होने का अनुमान लगाया है, जिससे मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों, विदेशी निवेशकों की रुचि और कंपनियों की आय में सुधार का फायदा मिलेगा।
--आईएएनएस
एबीएस/