नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की ओर से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने से घर खरीदारों के लिए अफोर्डेबिलिटी बनी रहेगी। यह बयान इंडस्ट्री लीडर्स की ओर से दिया गया।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, "नीतिगत दरों का स्थिर रहना और सरप्लस लिक्विडिटी अधिक पूर्वानुमान प्रदान करते हैं, साथ ही, इससे घर खरीदारों के लिए अफोर्डेबिलिटी भी बनी रहती है।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ बैंकों की ओर से होम लोन ब्याज दरों को घटा दिया गया है। इससे मध्यम और निम्न आय सेगमेंट के घरों की मांग को सपोर्ट मिला है और अभी घटी हुई ब्याज दरों का फायदा धीरे-धीरे नीचे के क्रम में पहुंच रहा है।"
नारेडको महाराष्ट्र के अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने कहा, "महंगाई में कमी के बावजूद रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय वैश्विक चुनौतियों और घरेलू स्थिरता के प्रबंधन के प्रति एक सतर्क लेकिन संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए, दरों का स्थिर होना घर खरीदारों की धारणा में निरंतर गति सुनिश्चित करती है और यह घरों के लिए अफोर्डेबिलिटी को बनाए रखती है।"
आरबीआई ने इस साल फरवरी और जून के बीच रेपो रेट में 100 बीपीएस की कटौती की है, जिसके बाद प्रमुख बैंकों ने अपने होम लोन की दरें 7.3 प्रतिशत तक कम कर दी हैं।
वर्तमान में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख ऋणदाताओं की होम लोन दरें 7.3-8 प्रतिशत से शुरू होती हैं।
इंडिया सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी के एमडी अमित गोयल ने कहा, "आरबीआई का तटस्थ नीतिगत रुख, 6.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान और मुद्रास्फीति में नरमी, स्थिर व्यापक आर्थिक आत्मविश्वास को दर्शाता है। मजबूत खपत और स्थिर शहरी मांग पहले से ही भारत के हाउसिंग सेंटीमेंट को समर्थन दे रही है।"
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