मुंबई, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बुधवार को रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने के फैसले के बाद, बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी 50 में मामूली गिरावट देखी गई और यह 24,600 के प्रतिरोध स्तर से नीचे आ गया।
निफ्टी 50 सुबह 11:34 बजे 0.38 प्रतिशत की गिरावट के बाद 24,556.20पर कारोबार कर रहा था, जबकि सेंसेक्स 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,492.96 पर था।
मौद्रिक नीति समिति के फैसले से पहले, निफ्टी और सेंसेक्स क्रमशः 0.08 प्रतिशत और 0.07 प्रतिशत नीचे थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति के फैसले के अलावा, बाजार पर सबसे बड़ा प्रभाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं का होगा।
निफ्टी आईटी सूचकांक में सुबह के कारोबार के दौरान 1.57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी फार्मा में 1.26 प्रतिशत और निफ्टी रियल्टी में 2.26 प्रतिशत की गिरावट आई।
आईटी शेयरों में, कोफोर्ज सबसे ज्यादा 3.49 प्रतिशत गिरावट में रहा। अन्य सभी प्रमुख आईटी शेयरों में 1 से 2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 6 अगस्त को सर्वसम्मति से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया, जबकि मौद्रिक नीति का रुख 'तटस्थ' बना रहा।
तटस्थ रुख के लिए न तो प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है और न ही लिक्विडिटी पर अंकुश लगाने की, क्योंकि यह विकास को नुकसान पहुंचाए बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच एक अच्छा संतुलन बनाता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति काफी निचले स्तर पर आ गई है, लेकिन खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतों में अभी भी कुछ उतार-चढ़ाव है। हालांकि, कोर मुद्रास्फीति लगभग 4 प्रतिशत पर स्थिर रही।
केंद्रीय बैंक ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है।
बैंक को अच्छे मानसून और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी के चलते ग्रामीण मांग में मजबूती की उम्मीद है।
बैंक ने 2025-26 के लिए भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, क्योंकि मानसून की स्थिर प्रगति और खरीफ की अच्छी बुवाई से खाद्य कीमतों पर नियंत्रण रहने की उम्मीद है।
--आईएएनएस
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