2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम की जरूरत : एसबीआई चेयरमैन

मुंबई, 27 सितंबर (आईएएनएस)। एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए देश को एक मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम की जरूरत होगी।

कैपिटल मार्केट लीडर्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम के लिए कैपिटल मार्केट को मजबूत करना, इनोवेशन को बढ़ावा देना और फाइनेंशियल टैलेंट को विकसित करना जरूरी है।

शेट्टी ने कहा, "एसबीआई में हम इस यात्रा में भागीदार बनने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम न केवल बैंकिंग समाधान प्रदान करते हैं बल्कि आपके साथ मिलकर भारत के कैपिटल मार्केट के भविष्य को बनाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं।"

कैपिटल मार्केट के प्रतिभागियों ने एसबीआई द्वारा दी गई सेवा की गुणवत्ता और उनकी मांगों को तुरंत पूरा करने की सराहना की।

देश के सबसे बड़े बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 19,160 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 17,035 करोड़ रुपए की तुलना में 12.5 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एसबीआई का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी सालाना आधार पर 15.49 प्रतिशत बढ़कर 30,544 करोड़ रुपए हो गया।

इस बीच, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मूल्य 465 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो 11 महीने का उच्चतम स्तर है।

यह आंकड़ा 27 सितंबर, 2024 को दर्ज उच्चतम स्तर से अभी केवल 2.7 प्रतिशत कम है, जबकि सितंबर की शुरुआत से लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अक्टूबर में ब्याज दरों में संभावित कटौती से भी निवेशकों का मनोबल बढ़ा, क्योंकि घरेलू मुद्रास्फीति में गिरावट के संकेत दिखे।

हाल की तेजी में सरकारी कंपनियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे बीएसई पीएसयू इंडेक्स को 7.5 प्रतिशत और बीएसई 500 इंडेक्स तो 5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करवाने में मदद मिली।

बीएसई ऑटो 9 प्रतिशत, बीएसई बैंकेक्स 6.8 प्रतिशत, बीएसई मेटल 8.1 प्रतिशत और ऑयल एंड गैस 4.5 प्रतिशत बढ़ा।

मार्केट के जानकारों के अनुसार, जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 27 में कॉर्पोरेट कमाई में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे एफपीआई के रुख में बदलाव हो सकता है।

--आईएएनएस

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