2019 से 2025 के बीच जनता की 1.15 करोड़ से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया : केंद्र

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि 2019 से 2025 के बीच जनता की 1.15 करोड़ से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया है, जो नागरिकों द्वारा सरकार पर दिखाए जा रहे विश्वास को दर्शाता है।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने "लोक शिकायतों के प्रभावी निवारण, नेक्स्टजेन सीपीजीआरएएमएस और प्रगति समीक्षा" विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए भारत की शिकायत निवारण प्रक्रिया की प्रगति के बारे में बताया।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 2014 में प्रति वर्ष लगभग दो लाख शिकायतें दर्ज की जाती थीं, जो अब बढ़कर 26 लाख हो गई हैं, इससे पता चलता है कि नागरिक सरकार से फिर से जुड़ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, "आज प्रत्येक वर्ष 26 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जाती हैं। यह जनता के विश्वास और व्यवस्था की जवाबदेही में आए बदलाव को दर्शाता है।"

उन्होंने इस बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नागरिक-केंद्रित डिजिटल शासन को बढ़ावा देने वाली सरकार को दिया।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने शिकायत निवारण को प्रधानमंत्री के "अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार" के दृष्टिकोण का अभिन्न अंग बताया और इस बात पर जोर दिया कि जवाबदेही, पारदर्शिता और समय पर प्रतिक्रिया नागरिकों के लिए "जीवन को आसान" बनाने की कुंजी हैं।

इस कार्यशाला में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि सरकार ने सीपीजीआरएएमएस 7.0 के माध्यम से प्रौद्योगिकी अपनाने और प्रक्रियात्मक सुधारों में बड़ी प्रगति की है।

उन्होंने कहा, "शिकायत निवारण का समय अब ​​घटकर 15 दिन रह गया है और नागरिक संतुष्टि का स्तर 62 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वर्ष 2019 और वर्ष 2025 के बीच 1.15 करोड़ से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया है।"

सीपीजीआरएएमएस प्लेटफॉर्म, जो अब सभी केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और 23 प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों से जुड़ा हुआ है, को राष्ट्रमंडल सचिवालय और आईबीएम सेंटर फॉर एक्सीलेंस से अंतर्राष्ट्रीय मान्यता भी प्राप्त हुई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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