सुभाष पिमोली थराली
एक और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है वही आज भी हमारे पौराणिक परंपरा भी देखने को मिलती है इसी के तहत शादी के अवसर पर दूल्हा दुल्हन जलधारा के पास जाकर ताम्बे की गगरी में पानी भर कर सब को पिलाने के पश्चात जल संरक्षण करने का वचन देती है और पौधारोपण को बढ़ावा देने एवं पौधारोपण कर उसे संरक्षित करने की भी शपथ लेती है वही पूर्णा गांव में दूल्हा -दुल्हन ने रोपित पौधों को संरक्षित रखने के तहत पर्यावरण प्रेमी एवं वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में दूल्हा -दुल्हन ने पौधे का रोपण किया।
पूर्णा गांव में आयोजित एक विवाह समारोह में दुल्हन ममता एवं दूल्हा संजय ने शादी के पावन बंधन में बंधने के मौके पर वृक्षमित्र डॉ सोनी की पहल पर पूर्णा गांव में एक पौधे का रोपण किया।इस दौरान दूल्हा एवं दुल्हन पक्ष के परिजनों ने रोपित पौधे का संरक्षण करने का संकल्प लिया।इस अवसर पर वृक्षमित्र डॉ सोनी ने कहा कि हमारे पूर्वजों की कई ऐसी परम्पराएं हैं जो कि प्रकृति के संरक्षण को बल देती हैं। किन्तु धीरे-धीरे हम इसे भूलते जा रहे हैं। जिसका विपरीत प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा हैं। उन्होंने,विवाह, सगाई,नामकरण, जन्म दिन,मुंडन जैसे धार्मिक कर्मकांडों के साथ सामूहिक कार्यक्रमों के दौरान एक पौधा लगा कर पर्यावरण संरक्षण करने के लिए आगे आने की अपील की। पौधारोपण के दौरान मदनराम, बलवंत राम, हरीशचंद्र सोनी, गोविन्द सोनी, जयबीर राम बधाणी, दिनेशचंद्र, चेतन सोनी, सुरेंद्र कुमार, सचिन, गंगा देवी,नेहा, सोनी, आशा देवी, मनीषा देवी,पार्वती देवी, तुलसी देवी, कमला देवी, मंजू कोहली, लक्ष्मी देवी, सुनीता देवी आदि मौजूद थे।