बिजनौर: बिजनौर की एक अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी के पुलिस उपाधीक्षक तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की छह साल पहले गोली मारकर हत्या करने के आरोपी कुख्यात गैंगस्टर मुनीर और उसके साथी को फांसी की सजा सुनाई है। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस दोहरे हत्याकांड में चले मुकदमे में अपर जिला न्यायाधीश (एडीजे कोर्ट पांच) विजय कुमार की अदालत में 19 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। शुक्रवार को न्यायाधीश ने मुनीर और उसके साथी रैय्यान को दोहरे हत्याकांड का दोषी करार दिया और शेष तीन अभियुक्तों को दोषमुक्त करार दिया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 2-3 अप्रैल 2016 की रात एनआईए के पुलिस उप अधीक्षक तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना स्योहारा में शादी समारोह से वापस कार से बच्चों के साथ घर सहसपुर लौट रहे थे, तभी उनके आवास से कुछ पहले पुलिया पर घात लगाए बदमाशों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में हत्या समेत सुसंगत धाराओं में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई, लेकिन विवेचना के दौरान हत्या में मुनीर, रैय्यान, जैनी, तंजीम अहमद और रिजवान के नाम सामने आए। ये एनआईए अधिकारी के पड़ोसी थे। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलिस अधीक्षक के अनुसार मुनीर शासन द्वारा राज्य स्तरीय माफिया घोषित है और इसके विरुद्ध विभिन्न राज्यों और जिलों में 33 मामले चल रहे हैं।
पुलिस के अनुसार मुनीर अंतरराज्यीय गैंग का सरगना तथा हिस्ट्रीशीटर है। मुनीर को गैंगस्टर कोर्ट ने 16 अप्रैल 22 को 10 वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है। पुलिस के अनुसार लखनऊ के गोमतीनगर में न्यायधीश की सुरक्षा में तैनात आरक्षी प्रमोद कुमार को गोली मारकर उसकी नाइन एमएम की पिस्टल लूटने और लखनऊ के थाना विभूति नगर में नमन वर्मा की हत्या कर उसकी मोटरसाइकिल लूटने जैसे अनेक गंभीर आरोप मुनीर के खिलाफ दर्ज हैं।