सहारनपुर: देश के सबसे बड़े इस्लामिक शिक्षा के इदारे देवबंद दारुल उलूम में शनिवार का जमीयत उलमा-ए-हिंद के तत्वाधान में दो दिवसीय अधिवेशन शुरु हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि देश में नफरत का बाजार सजाया जा रहा है। लेकिन हमें यह याद रखना है कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से नफरत को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में नफरत का कारोबार करने वालों की दुकानें ज्यादा दिन चलने वाली नहीं हैं।
देवबंद के ईदगाह मैदान में आयोजित कार्यक्रम में देशभर के उलेमा और गवर्निंग बॉडी के सदस्य प्रमुख समस्याओं को लेकर चिंतन करने के लिए एकत्र हुए हैं। इजलास का शुभारंभ जमीयत उलमा-ए-हिंद का झंडा लहरा कर किया गया है। तिलावत-ए-कुरान पाक दारूल उलूम के उस्ताद कारी अब्दुल रउफ ने की और नात-पाक कारी अहसान मोहसिन ने पेश की। जमीयत प्रमुख मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम, जमीयत उलमा हिंद पश्चिम बंगाल अध्यक्ष और ममता सरकार में मंत्री मौलाना सिद्दीकउल्ला चैधरी, सांसद मौलाना बदरूद्दीन अजमल और सभी प्रदेशों के अध्यक्षों सहित देशभर के उलमा शामिल हुए। दो दिनों तक चलने वाले इस इजलास में देश के मौजूदा हालात और ज्ञानवापी मस्जिद समेत देश में विभिन्न धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ रहे विवाद, कॉमन सिविल कोड, मुस्लिम वक्फ एवं मुस्लिमों की शिक्षा आदि मुद्दों पर चर्चा होनी है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के दो दिवसीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमें मायूस होने की जरूरत नहीं है, देश हमारा है और हमारे बुजुर्गों ने इस देश को आजाद कराने में मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है। प्यार से ही नफरत को हराया जा सकता है। कहा कि हमें उकसाया जा रहा है। हमारे ही देश में हमें अजनबी बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि बेइज्जत होकर खामोश रहना कोई मुसलमान से सीखे। देश में नफरत का बाजार सजाया जा रहा है। ये सब्र का इम्तिहान है। उन्होंने कहा कि सरकारें आने-जाने वाली चीज है, लेकिन देश को जोड़ने वाले और मजबूत करने वाले ही इस देश की ताकत है।
उन्होंने इशारों ही इशारों में सरकार और आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि एकता और अखंड भारत की बात करने वाले वर्ग विशेष को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है। सभी लोग राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र को मजबूत करने की बात करते हैं लेकिन नफरत के मुद्दे पर खामोश रहते हैं। उन्होंने कहा कि नफरत की दुकान खोलने वाले और नफरत का बाजार सजाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं। नफरत का जवाब कभी नफरत नहीं हो सकता, हम नफरत का जवाब मोहब्बत से देने वाले लोग हैं। देश में फैल रही नफरत को मोहब्बत से बचाने की जरूरत है। मौलाना मदनी ने कहा कि हम नफरत का जवाब नफरत से दे सकते हैं, लेकिन देश का मुसलमान कभी ऐसा नहीं करेगा। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हम धार्मिक स्थलों और इबादतगाहों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव लाएंगे और प्रस्ताव लाकर बात रखेंगे और फिर पीछे नहीं हटेंगे। देश को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए एक नए हौंसले और नए खून की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम वह नहीं करेंगे जो वह चाहते हैं, हम वह करेंगे जो समय की जरूरत होगी, हम अपनी प्लानिंग से चलेंगे आपकी प्लानिंग पर हम नहीं चलेंगे।