मथुरा: यूपी में धार्मिक नगरी मथुरा में श्री कृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगाह की भूमि को लेकर मथुरा शेषन कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। अखिल भारत हिन्दू महासभा के वाद पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन ने इस मामले में 1 जुलाई की तारीख दे दी। दरअसल, अखिल भारत हिन्दू महासभा ने न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इस मामले को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष अपने अपने तर्क रख रहे हैं। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट से गुहार लगाई कि कथित असली गर्भगृह का गंगा व यमुना जल से शुद्धिकरण करने अनुमति दे। हिन्दू महासभा ने शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण का असली गर्भगृह बताया है।
इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि ईदगाह के नीचे भगवान के मंदिर के शिलालेख हैं उनको नष्ट किया जा सकता है। इस पर ईदगाह पक्ष हाजिर हुआ। ईदगाह पक्ष ने कुछ समय मांगा है। वाद की नकल मांगी है, न्यायालय ने अगली तारीख 1 जुलाई दी है।
शर्मा के मुताबिक मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास बनी शाही ईदगाह अवैध तरीके से बनाई गई है। उनका दावा है कि ‘असलियत में वहां पर गर्भगृह है, जो कि वास्तविक श्रीकृष्ण जन्मभूमि है। बता दें कि अखिल भारत हिन्दू महासभा ने 26 फरवरी 2021 को मथुरा कोर्ट में एक वाद दाखिल क़िया। इस वाद में हिन्दू महासभा ने कोर्ट से मांग कि श्री कृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जो भूमि है उसको लेकर 1968 में जो समझौता हुआ वह अवैध है। इस समझौते को चैलेंज करते हुए ईदगाह की भूमि को भगवान को वापस करने की मांग की है। इस दावे के साथ हिंदू पक्ष लगातार न्यायालय से मस्जिद को हटाने और पूरे स्थल का सर्वे कराने की मांग करता चला आ रहा ह