लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ से लोकसभा उपचुनाव में दलित चेहरे पर दांव खेला है। सपा ने आजमगढ़ से सुशील आनंद को उम्मीदवार बनाया है। बताया जा रहा है कि सुशील आनंद बामसेफ के संस्थापक सदस्यों में रहे बलिहारी बाबू के बेटे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश 2019 लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से सांसद चुने गए थे। हालांकि, उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसमें उन्होंने जीत हासिल की थी। इसके बाद अखिलेश ने आजमगढ़ की लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
बलिहारी बाबू ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी। लंबे समय तक बामसेफ और फिर बसपा के साथ रहे थे, लेकिन कोरोना काल में उनका निधन हो गया था। सपा ने यह देखकर दलित दांव खेला है क्योंकि मायावती ने अपना पूरा जोर मुस्लिम चेहरे गुड्डू जमाली पर लगाया है। बीते विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ जिले की सभी 10 सीटों पर सपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। आजमगढ़ सदर से सपा के दुर्गा प्रसाद यादव, सगड़ी विधानसभा सीट से सपा के डॉ. एचएन सिंह पटेल, गोपालपुर विधानसभा सीट से सपा के नफीस अहमद, अतरौलिया सीट से सपा के संग्राम, निजामाबाद सीट से सपा के आलम, मुबारकपुर विधानसभा सीट से सपा के अखिलेश ने भी जीत हासिल की। वहीं मेहनगर सीट से सपा की पूजा, जबकि लालगंज सीट पर भी सपा के बचई ने सपा के झंडे को बुलंद रखा। दीदारगंज सीट पर सपा के कमलाकांत और फूलपुर पवई विधानसभा सीट पर सपा के रमाकांत ने जीत दर्ज की थी।
इसके पहले चर्चा थी कि आजमगढ़ से सपा प्रमुख की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में उतरेगी, लेकिन पार्टी ने अंतिम समय में बिल्कुल राज्यसभा चुनाव की तरह अपना फैसला बदलकर पूर्व सांसद के बेटे को उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है।