Forest Staff Bravery : रामनगर में वनकर्मियों के सामने अचानक आए तीन बाघ, पेड़ पर चढ़कर बचाई जान

कॉर्बेट में टाइग्रेस से सामना, वनकर्मियों की सूझबूझ से टली अनहोनी
उत्तराखंड: रामनगर में वनकर्मियों के सामने अचानक आए तीन बाघ, पेड़ पर चढ़कर बचाई जान

नैनीताल: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर वनप्रभाग के टेढ़ा क्षेत्र में एक खतरनाक मुठभेड़ में चार वनकर्मियों ने अपनी सूझबूझ से बड़ी अनहोनी टाल दी। नियमित गश्त के दौरान टेढ़ा कुलबंदा नाले के पास अचानक एक वयस्क बाघिन (ट्राइग्रेस) अपने दो शावकों के साथ आक्रामक रूप में सामने आ गई। इस अप्रत्याशित स्थिति में वनकर्मियों ने तुरंत पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई।

रामनगर वनप्रभाग के रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया, "हमारे वनकर्मी रोजाना की तरह गश्त पर थे। अचानक टाइग्रेस और उसके शावकों के सामने आने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। वनकर्मियों ने त्वरित निर्णय लेते हुए पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित किया।" उन्होंने कहा कि बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

तिवारी ने बताया कि टेढ़ा क्षेत्र में विशेष गश्त अभियान शुरू किया गया है और गांवों के आसपास अतिरिक्त निगरानी सुनिश्चित की जा रही है ताकि टाइगर बस्तियों की ओर न आएं।

हाल के सर्वेक्षणों से पता चला है कि रामनगर वनप्रभाग में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिंवाल इसे जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों की सफलता मानते हैं।

उन्होंने कहा, "टाइगर्स की बढ़ती संख्या स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है, लेकिन इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा भी बढ़ा है।" वन विभाग ने इसके लिए सख्त निगरानी और विशेष प्रशिक्षण शुरू किया है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में टाइगर हमलों की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके चलते वनकर्मियों को खतरनाक परिस्थितियों में साहस और सूझबूझ दिखानी पड़ती है।

स्थानीय पर्यावरण प्रेमी नमित अग्रवाल ने वन विभाग की तारीफ करते हुए कहा, "वनकर्मियों की बहादुरी और विभाग की तत्परता सराहनीय है। वन्यजीव संरक्षण के साथ मानव सुरक्षा का संतुलन जरूरी है।" वन विभाग गांवों के पास जागरूकता अभियान भी चला रहा है ताकि स्थानीय लोग टाइगर्स से दूरी बनाए रखें।

 

 

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