आज कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम का 125 वां स्थापना दिवस विशेष पूजा अर्चना और यज्ञ के साथ में मनाया गया। सभी आगंतुकों को भोजन
प्रसाद वितरण किया गया। अस्पताल की सभी सेवाएं नियमित रूप से चलीं। रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ से आए वाइस प्रेसिडेंट स्वामी गिरीशानंद ने सबको आशीर्वाद दिया। उन्होंने सभी स्थानीय डॉक्टरों एवं साधुओं को अस्पताल के एनबीएच से संबद्धता मिलने पर बधाई दी।
गौरतलब है कि 1889 - 1890में स्वामी विवेकानंद जब खुद अपने ऋषिकेश भ्रमण के दौरान मलेरिया से ग्रसित हुए तो उन्हें एहसास हुआ कि साधुओं की सेवा सुश्रुषा के लिए कोई भी इंतजाम उत्तराखंड में नहीं है । साधु भिक्षा पर रहते हैं तो वह कहां से अपना इलाज कराएंगे इसलिए उन्होंने अपने शिष्य स्वामी कल्याणानंद से कहा की हरिद्वार में साधुओं, गरीबों और तीर्थ यात्रियों के लिए अस्पताल शुरू करें जिसमें साधुओं की निशुल्क सेवा हो सके। बाद में उनके साथ स्वामी निश्चयानंद ने इस कार्य को पूरा किया।
रामकृष्ण मठ मिशन कनखल के सचिव डॉक्टर स्वामी दयामूर्त्यानन्द ने कहा कि 1जून 1901 से शुरुआत हुई साधु एवं रोगी नारायण सेवा आज तक अहर्निश चल रही है। 190 बेड के अस्पताल में आईसीयू, डायलिसिस यूनिट,एचडीयू, एम. आर.आई आदि सुविधाएं उपलब्ध है। कार्यक्रम में मंजूनाथ महाराज, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से प्रोफेसर प्रसन्ना मोंडल, शोधकर्ता इशितवा, डॉ सुशील शर्मा,
गोकुल सिंह, सुनील मुखर्जी, कृष्णमूर्ति, रविंद्र नारंग, सभी डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ आदि उपस्थित रहे।