देहरादून: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे ने बताया कि आज परिषद के प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट के साथ उनकी बैठक दिलीप जावलकर सचिव वित्त एवं सहकारिता विभाग उत्तराखण्ड शासन से वित्त एवं सहकारिता विभाग में लम्बित विभिन्न प्रकरणों को लेकर बैठक हुई। जिसमें पुरानी पेंशन व्यवस्था को शीघ्र ही लागू की जाये सहित अन्य समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान ज्ञापन भी दिया गया। बैठक में सचिव वित्त एवं सहकारिता ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि बैठक में एसीपी के अन्तर्गत 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान दिये जाने हेतु विभिन्न विभागों में तीन पदोन्नति न प्राप्त कर सकने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकडा वित विभाग के पास एकत्र हो चुका है। तद्नुसार इस सुविधा को पूर्व की भॉति बहाल किया जाय। जून के प्रथम सप्ताह में बैठक आयोजित कर निर्णय किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि वेतन समिति के सम्मुख विभिन्न संवर्गों की वेतन विंसगति दूर किये जाने हेतु मजबूत पैरवी की गयी साथ ही 12 अगस्त .2022 की वार्ता में वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाये। उन्होंने बताया कि यात्रा अवकाश सुविधा की संशोधित दरें व व्यवस्थाओं के सम्बध में मंत्रीमण्डल द्वारा निर्णय कर दिया गया है किन्तु शासनादेश आतिथि तक लम्बित है। अतः शासनादेश तत्काल जारी किया जाय के लिए आगामी सप्ताह में शासनादेश निर्गत कर दिया जायेगा का आश्वासन दिया गया।
उन्होंने बताया कि वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 रूपये मंे बढोत्तरी की मांग परिषद द्वारा की गयी थी जिसके आधार पर वाहन भत्ते की दरों में वृद्धि की गयी किन्तु की गयी वृद्धि का लाभ 2013 के शासनादेश द्वारा वाहन भत्ता प्राप्त कर रहे कार्मिकों को नहीं प्राप्त हो रहा है। परिषद की मांग है कि अपर मुख्य सचिव वित की अध्यक्षता में आहूत बैठक में बनी सहमति के अनुसार वंचित कार्मिकों को भी वाहन भत्ते की बढी दरों का लाभ अनुमन्य किया जाये के लिए मंत्रीमण्डल की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एनपीएस के स्थान पर अन्य राज्यों यथा पंजाब एवं राजस्थान की भांति पुरानी पेशन व्यवस्था लागू की जाये के लिए भारत सरकार की भांति कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि परिषद के संज्ञान में यह भी आया है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा मात्र कटौती की धनराशि से ही भुगतान किया जा रहा है जबकि समस्त राज्यकर्मी एंव पेशनर चिकित्सा प्रतिपूर्ति के हकदार हैं इसलिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति एंव चिकित्सालयों के भुगतान हेतु कम पड रही धनराशि को सरकार वहन करे। उन्होंने बताया कि जून के प्रथम सप्ताह में बैठक आयोजित कर निर्णय किया जायेगा का आश्वासन दिया गया। आठवें वेतन आयेाग के सम्बध में भारत सरकार द्वारा अपने अर्द्धशासकीय पत्र के माध्यम से राज्यों से सुझाव आमन्त्रित किये गये हैं उक्त के क्रम में मांग है कि परिषद को आमन्त्रित कर उसके सुझावों को सम्मलित करते हुए भारत सरकार को राज्य सरकार प्रेषित करें।