पिछले 8 वर्षों में उत्तराखण्ड जैसे हिमालयी राज्यों का विकास सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही हैः डॉ. जितेंद्र

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रायवाला/देहरादून (दैनिक हाक): केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रायवाला में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत करने के बाद, देहरादून में ‘दिशा’ (जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति) की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में सांसद श्री रमेश पोखरियाल और श्री नरेश बंसल भी उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य सही मायनों में सरकारी योजनाओं की शत-प्रतिशत सैचुरेशन हासिल करना है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि जिला मजिस्ट्रेट अपनी विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करते हैं कि कोई भी वास्तविक पात्र लाभार्थी योजना के दायरे से बाहर न रहे।

उत्तराखंड में लगातार हो रहे मानव-पशु संघर्ष को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्री ने जिला अधिकारियों को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर लोगों के रहने वाले क्षेत्रों में जानवरों को कम करने के तरीके खोजने का सुझाव दिया।

केंद्रीय मंत्री ने ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श करते हुए कहा कि सभी बैंकों को आवेदक की पात्रता पर निर्णय लेते समय समान मानदंडों का पालन करना चाहिए। ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण की समीक्षा करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘ग्रामीण’ क्षेत्रों के हालिया शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए कहा कि इसका मतलब है कि सड़क निर्माण के उच्च मानकों का पालन किया जाना चाहिए। उत्तराखंड में खेती की पहाड़ी और अक्सर दुर्गम प्रकृति पर चर्चा करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कृषि में डेटा एकत्र करने, कीटनाशक का इस्तेमाल करने या सर्वेक्षण करने में ड्रोन तकनीक के अधिक से अधिक उपयोग की सिफारिश की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस तरह की आउटरीच बैठकों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह उन मुद्दों को चिह्नित करने के लिए एक उपयोगी माध्यम प्रदान करता है जो हमारी भौगोलिक विविधता से जुड़ा है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यह प्राथमिकता है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और नवस्थापित राज्यों को तेजी से विकास के पथ पर लाया जाए।

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