देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल के केन्द्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने कहा है कि उत्तरकाशी के नौगांव विकासखंड के सरनौल गांव में पिछले ढाई महीनों से कपिल चैहान की संदिग्ध मौत जो कि एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है उत्तराखण्ड क्रांति दल द्वारा पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के प्रयास किये जा रहे है। अगर इसके बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित पक्ष को न्याय से वंचित करने का प्रयास करेगा तो उत्तराखण्ड क्रांति दल पुलिस के खिलाफ उग्र आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा।
उन्होंने कहा कि इस सनसनीखेज मामले ने शांत रवाई घाटी में तहलका मचा दिया है, पहाड़ी वादियों की शांति को भेदती इस हत्या, संदिग्ध मौत की घटना ने हर किसी को हतप्रद कर दिया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार ने इसे सुनियोजित हत्या की साजिश करार देते हुए कपिल के चचेरे भाई सहित कुछ लोगों पर हत्या का गंभीर आरोप लगाये हैं। उनका कहना है कि इस मामले में न्याय की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल का एक प्रतिनिधिमंडल भी हाल ही में गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप से मिला और इस मामले में निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि आईजी गढ़वाल के हस्तक्षेप के बाद बड़कोट पुलिस ने सरनौल गांव के चार लोगों के खिलाफ हत्या के संदेह में मुकदमा दर्ज किया है।
उन्होंने कहा कि उक्रांद द्वारा उक्त मामले लगातार दबाव बनाने के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आई और थानाध्यक्ष बड़कोट दीपक कठैत ने जानकारी दी कि परिजनों की तहरीर पर सिद्धार्थ, जगवीर पुत्र सदर सिंह, सदर सिंह और नीरज पत्नी सिद्धार्थ के खिलाफ धारा ठछै 103 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। उनका कहना है कि इस बीच इसी संयुक्त परिवार की एक महिला से मारपीट के मामले में भी पुलिस ने परिवार के लोगों पर एक और मुकदमा दर्ज किया है, पीड़ित महिला का आरोप है कि यह मारपीट परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा कपिल की संदिग्ध मौत पर सवाल न उठाने हेतु दबाव बनाने हेतु की गयी है।
उनका कहना है कि परिवार की महिलाओं से मारपीट की इस घटना के बाद कपिल की हत्या होने की आशंका और ज्यादा गहरा गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है। उत्तराखण्ड क्रांति दल का कहना है कि कपिल की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या की साजिश का नतीजा है। उक्रांद ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ढाई महीने बीत जाने के बावजूद न तो हत्याकांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया और न ही उससे कड़ाई से पूछताछ की गई। यह घटना एक से दो मार्च से लेकर 2025 के बीच की है, जब कपिल चैहान अपने भाइयों के साथ बचाण गांव के कंदराला जंगल में भेड़ें चरा रहा था। उन्होंने कहा कि अचानक सुबह गांव में खबर आई कि कपिल चैहान पेड़ से गिर गया और उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने तुरंत जंगल पहुंचकर कपिल के शव को गांव लाया और अंतिम संस्कार कर दिया। लगभग दो सप्ताह बाद गांव में चर्चा शुरू हुई कि कपिल की मौत दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी। उनका कहना है कि इसके बाद परिजनों ने बड़कोट थाने के चक्कर लगाने शुरू किए, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई जांच शुरू की। आखिरकार,उक्रांद नेताओं द्वारा आईजी गढ़वाल और परिवार के पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद घटना की तफ्तीश में कुछ तेजी जरूर आयी,जिसके बाद मामला दर्ज हुआ।