देहरादून। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का नौवां तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन केशव विद्यापीठ परिसर जयपुर में प्रारम्भ हुआ। आयोजित सम्मेलन में उत्तराखण्ड से राज्य विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष हरीशचंद्र पुरोहित, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय अध्यक्ष विजय प्रकाश श्रीवास्तव, महासंघ की महामंत्री डॉ. पारुल दीक्षित, उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बल सहित कुल 52 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल में रमेश धपोला, अनिल कुमार जोशी, जगदीश चन्द्र पाण्डे, रुपिंदर कौर बल सहित अन्य सदस्य भी शामिल रहे। सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। जो काम कोई संस्था या संगठन नहीं कर सकता, वह शिक्षक कर सकता है। शिक्षक का जीवन समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महासंघ के कार्यकर्ता वर्षभर लगातार सक्रिय रहते हैं, यहां तक कि अवकाश के दिनों में भी प्रवास और संवाद कार्यक्रम करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग देश के विकास के लिए रोडमैप तैयार करते हैं, जिस पर चलकर भारत प्रगति करता है। महासंघ की महामंत्री डॉ. पारुल दीक्षित ने कहा कि हर समाज को शिक्षक का सम्मान करना चाहिए। वक्ताओं ने महासंघ की स्थापना वर्ष 1981 के उद्देश्य को दोहराते हुए कहा कि शिक्षक सम्मान समाज द्वारा स्वतः होना चाहिए और शिक्षक स्वयं को राष्ट्र निर्माण हेतु गढ़ने का संकल्प लें। इस दौरान राजस्थान के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, शिक्षा व पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, आरएसएस के अखिल भारतीय संगठन मंत्री महेन्द्र कुमार, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सुनील भाई मेहता, महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण लाल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।