सुप्रीम कोर्ट आपराधिक अपील, कर, भूमि अधिग्रहण मामलों के लिए विशेष पीठों का गठन करेगा

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते आपराधिक अपील, कर, भूमि अधिग्रहण और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण मामलों की सुनवाई के लिए विशेष पीठों का गठन करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने यह भी संकेत दिया कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नेतृत्व वाली पीठ भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों की सुनवाई करेगी। उन्होंने कहा, "अगले सप्ताह से आपराधिक अपील, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर मामलों, भूमि अधिग्रहण मामलों और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण मामलों के लिए विशेष पीठें होंगी।"


सरकार के कई उच्च अधिकारियों, उद्योगपतियों और कलाकारों को सम्मानित करते हुए डॉ वेदप्रताप वैदिक प्रधान न्यायाधीश ने मंगलवार को कहा कि अगले सप्ताह से शीर्ष अदालत में विशेष रूप से कर मामलों से निपटने के लिए एक विशेष पीठ होगी। उन्होंने वकीलों के एक समूह से कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बिक्री कर मामलों के लिए बुधवार और शुक्रवार को एक विशेष पीठ होगी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बैठक में लंबित मामलों में कमी लाने के लिए विशेष पीठों के गठन का फैसला लिया। सभी 13 विशेष पीठ वैवाहिक विवादों से संबंधित 10 स्थानांतरण याचिकाओं और जमानत याचिकाओं की प्रतिदिन सुनवाई करेंगी।


क्राइम ब्रांच ने अलग अलग केस में बचाये साढ़े 6 लाख से ज़्यादा उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक पीठ शीतकालीन अवकाश शुरू होने से पहले ऐसे सभी मामलों को निपटाने के लिए हर दिन 10 स्थानांतरण याचिकाओं, पारिवारिक मामलों के बाद 10 जमानत मामलों को उठाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जमानत के मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यदि प्रत्येक पीठ प्रतिदिन तबादले के 10 मामलों की सुनवाई करे तो 13 पीठ प्रतिदिन 130 और प्रति सप्ताह 650 मामलों का निस्तारण कर सकेंगी और प्रतिदिन इन 20 जमानत एवं स्थानांतरण याचिकाओं का निस्तारण कर मामले की नियमित सुनवाई करेगी।



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