व्लादिमीर पुतिन का दावा, 'रूस की परमाणु पनडुब्बियों को विदेशी रडार ट्रैक नहीं कर सकते'

मास्को, 23 अगस्त (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इस समय कोई देश अपने आक्रामक तेवरों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में है, तो वो रूस है। यूक्रेन के साथ लंबे समय से रूस की जंग को अमेरिका और यूरोप रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रूस ने इसके लिए अपनी शर्तें रखी हैं। रूस अपने अचूक हथियारों के लिए भी प्रसिद्ध है। यूक्रेन के साथ युद्धविराम की कोशिशों के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी परमाणु पनडुब्बियों को विदेशी रडारों से सुरक्षित बताया है।

व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि रूसी परमाणु पनडुब्बियां आर्कटिक की बर्फ के नीचे बिना किसी विदेशी रडार की जद में आए चल सकती हैं। यह हमें औरों के मुकाबले ज्यादा सशक्त बनाता है।

मॉस्को के सरोव में न्यूक्लियर सेक्टर के कार्यकर्ताओं संग हुई बैठक में पुतिन ने दावा किया कि आर्कटिक क्षेत्र रूस की सिक्योरिटी के लिहाज से बेहद अहम है।

इस क्षेत्र में रिसर्च की जरूरत पर बल देते हुए पुतिन ने कहा कि आर्कटिक अनुसंधान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि बर्फ पिघलने के कारण नौवहन मार्ग अधिक सुलभ होते जा रहे हैं। कई देश इन मार्गों का उपयोग करने में रुचि रखते हैं।

अपने वर्कर्स का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने दावा किया कि जो परिस्थिति है उसे देखते हुए कह सकते हैं कि हम यहां फायदे में हैं।

रूस वर्तमान में एकमात्र ऐसा देश है जो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले आइसब्रेकर बेड़े का संचालन कर रहा है। 2000 के दशक से, रूस ने आठ बोरेई-श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियां बनाईं, जिनमें से सबसे हालिया पोत, क्यनाज पॉजर्स्की, पिछले साल लॉन्च किया गया था, जबकि दो निर्माणाधीन हैं।

पुतिन ने पिछले महीने कहा था कि पनडुब्बियां बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं, जिनकी मारक क्षमता 8,000 किमी (4,970 मील) तक है। रूस और अमेरिका सहित कई देशों ने हाल के वर्षों में सुरक्षा और वैश्विक व्यापार के लिए आर्कटिक के महत्व पर प्रकाश डाला है।

--आईएएनएस

पीएके/केआर

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