वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन के बीच सुलह करवाने की अमेरिका ने कवायद तेज कर दी है। अमेरिका की ओर से 28 सूत्रीय समझौता पेश किया गया। शुरुआत से ही माना जा रहा था कि ये प्लान रूस के पक्ष में ज्यादा नजर आ रहा है। हालांकि, मार्को रुबियो ने भी माना है कि रूस-यूक्रेन शांति प्रस्ताव मॉस्को के योगदान से तैयार किया गया है और कीव के पहले के सुझावों को भी इसमें शामिल किया गया है।
रूस और यूक्रेन के लिए जो समझौता प्लान तैयार किया गया है, उसके दस्तावेजों को पूरी तरह से अमेरिका ने तैयार किया है। इससे पहले अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा था कि शांति समझौते का फ्रेमवर्क वाशिंगटन ने तैयार किया। इसमें रूस और यूक्रेन दोनों के इनपुट शामिल थे।
प्रवक्ता पिगॉट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जैसा कि विदेश मंत्री रुबियो और सरकार ने लगातार कहा है कि यह प्लान अमेरिका ने बनाया था, जिसमें रूस और यूक्रेन दोनों का इनपुट था।"
दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जोर देकर कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच सालों से जारी इस संघर्ष को खत्म करने के मकसद से जो पीस प्लान तैयार किया गया है, वह कीव के लिए आखिरी ऑफर नहीं है। बता दें, यूक्रेन ने ट्रंप के पीस प्लान पर चिंता जाहिर की। यूक्रेन ने इस ड्राफ्ट में बदलाव की जरूरतों का जिक्र किया। इसके बाद ही ट्रंप का ये बयान सामने आया है।
स्थानीय समयानुसार शनिवार को व्हाइट हाउस के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर जेलेंस्की इस प्रस्ताव को मना कर देते हैं, तो वह पूरी जान से लड़ सकते हैं।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन से 27 नवंबर तक डील स्वीकार करने की अपील की, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या यह उनका आखिरी प्रस्ताव है, तो ट्रंप ने कहा, "नहीं, हम शांति चाहते हैं। किसी न किसी तरह, हम इसे खत्म कर देंगे।"
इस दौरान ट्रंप ने यह भी दोहराया कि अगर वह 2022 की शुरुआत में राष्ट्रपति होते तो युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता। वहीं राष्ट्रपति जेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अमेरिका कीव पर एक ऐसे प्लान पर विचार करने का दबाव डाल रहा है जिसे यूक्रेन में कई लोग मॉस्को के हितों की ओर झुका हुआ मानते हैं। यूक्रेन हमारे इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
--आईएएनएस
