सियोल: दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिका की वायुसेना इकाई ने बताया है कि पिछले महीने पश्चिमी समुद्र तट के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए एमक्यू-9 ड्रोन को रिकवर करने का काम पूरा कर लिया गया है।
दक्षिण कोरिया में मौजूद अमेरिकी वायु सेना की यूनिट ने बताया कि ड्रोन का सारा मलबा रिकवर कर लिया गया है।
रीपर' नाम का यह ड्रोन 24 नवंबर को समुद्र में गिर गया। यह घटना सियोल से लगभग 180 किलोमीटर दक्षिण में, गुनसान शहर के पास, माल्डो-री द्वीप के करीब हुई। इस हादसे में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, दुर्घटना के कारणों की जांच अभी जारी है।
इस घटना को तकरीबन 20 दिन से ज्यादा हो चुके हैं और अब जाकर अमेरिकी वायु सेना और दक्षिण कोरियाई नौसेना के मिलकर ऑपरेशन को अंजाम देने में कामयाब रही हैं।
अमेरिकी वायु सेना यूनिट ने कहा कि "हमारे दोनों सेनाओं की मिली-जुली विशेषज्ञता और संसाधन इस ऑपरेशन की सफलता के लिए जरूरी थे" और "मजबूत साझेदारी" के लिए दक्षिण कोरियाई सेना को धन्यवाद दिया। अमेरिकी वायु सेना यूनिट ने यह नहीं बताया कि क्या वह क्रैश से पैदा हुए सुरक्षा की दृष्टि से दूसरा एमक्यू-9 ड्रोन को तैनात करने की योजना बनाई जा रही है या नहीं।
बता दें कि क्रैश हुआ एमक्यू-9 ड्रोन, ड्रोन्स के उस बेड़े का हिस्सा था, जिसे सितंबर के आखिर में गुनसान में अमेरिकी एयरबेस पर 431वें एक्सपीडिशनरी रिकोनिसेंस स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। इस ड्रोन को निगरानी और हमले दोनों तरह के मिशन के लिए डिजाइन किया गया है। यह लंबी दूरी तय करने की क्षमता भी रखता है और खतरा महसूस करने पर हमला भी करता है।
एमक्यू-9 ड्रोन की तैनाती के बाद ये लगातार कहा जा रहा था कि दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया पर निगरानी रखेगा और पीले सागर में चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए रखेगा, लेकिन ड्रोन के क्रैश के बाद अब सुरक्षा निगरानी के लिए दोबारा एमक्यू-9 ड्रोन की तैनाती की जाएगी या नहीं, इसपर स्थिति साफ नहीं है।
बता दें कि ये घटना तब हुई जब पहले ही चीन और दक्षिण कोरिया के बीच पीले सागर के अधिपत्य को लेकर विवाद चल रहा है। पीले सागर के कुछ हिस्से पर चीन अपनी दावेदारी दिखा रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया का कहना है कि वो हिस्सा उनका है।
--आईएएनएस
