Thomas Barrack Lebanon Visit: लेबनान-इजरायल सीजफायर के लिए कूटनीतिक प्रयास जरूरी: अमेरिकी दूत थॉमस बैरक

थॉमस बैरक बोले—अमेरिका इजरायल को मजबूर नहीं कर सकता, लेबनान के साथ शांति की कोशिशें जारी।
लेबनान-इजरायल सीजफायर के लिए कूटनीतिक प्रयास जरूरी: अमेरिकी दूत थॉमस बैरक

बेरूत:  अमेरिकी विशेष दूत थॉमस बैरक ने लेबनान की संप्रभुता और शांति प्रक्रिया को बनाए रखने में वॉशिंगटन के योगदान का जिक्र किया। साथ ही स्पष्ट किया कि अमेरिका इजरायल को किसी बात के लिए मजबूर नहीं कर सकता।

थॉमस बैरक ने लेबनानी प्रधानमंत्री नवाफ सलाम से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अमेरिका की यह जिम्मेदारी नहीं है कि वह इजरायल को बाध्य करे।”

'सिन्हुआ समाचार एजेंसी' के मुताबिक थॉमस बैरक तुर्किये में अमेरिका के राजदूत और सीरिया के लिए विशेष दूत की भूमिका भी निभा रहे हैं। वह रविवार को बेरूत पहुंचे। यह जून के बाद से उनकी तीसरी यात्रा है। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों, राजनेताओं और धार्मिक नेताओं से मुलाकात की।

बैरक ने कहा कि भले ही लेबनान और इजरायल के बीच सीजफायर समझौता प्रभावी हो गया, लेकिन यह सफल नहीं हो पाया। उन्होंने स्वीकारा कि इसकी विफलता के पीछे कुछ कारण हैं और उन कारणों को दूर करना एक सामूहिक प्रयास है, जो इस समय जारी है।

उन्होंने बताया कि अमेरिका अपने कूटनीतिक प्रयास के जरिए इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

अमेरिकी दूत ने यह भी कहा कि हिजबुल्लाह का निरस्त्रीकरण 'पूरी तरह से एक आंतरिक मामला' है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वॉशिंगटन इस दिशा में समर्थन देने के लिए लेबनानी सरकार के साथ काम करने को तैयार है।

सोमवार को लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ औन ने अमेरिकी राजदूत थॉमस बैरक को एक मसौदा ज्ञापन सौंपा, जिसमें 27 नवंबर 2024 से इजरायल के साथ प्रभावी हुए युद्धविराम के बाद लेबनान की प्रतिबद्धताओं का विवरण दिया गया है।

लेबनानी राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, ज्ञापन में लेबनान की यह मंशा दोहराई गई है कि वह अपने पूरे भू-भाग पर राज्य की पूर्ण संप्रभुता को सशस्त्र बलों के माध्यम से लागू करेगा। हथियारों के स्वामित्व को केवल लेबनानी सेना तक सीमित रखा जाएगा, और युद्ध तथा शांति से संबंधित सभी फैसले लेबनान की संवैधानिक संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र में ही रहेंगे।

यह प्रक्रिया लेबनान की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर संप्रभुता बनाए रखने, पुनर्निर्माण कार्यों की शुरुआत करने और इकोनॉमिक रिकवरी को आगे बढ़ाने के साथ-साथ समानांतर रूप से चलेगी।

हालांकि, अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता में हुआ युद्धविराम समझौता इजरायल की दक्षिणी लेबनान से पूर्ण वापसी की अपील करता है, फिर भी इजरायली सेना ने समय-समय पर लेबनान में हमले किए हैं। इजरायल का दावा है कि ये हमले हिजबुल्लाह के खतरों को खत्म करने के लिए किए गए।

18 फरवरी तक पूरी तरह वापसी की समय-सीमा के बावजूद, इजरायल ने लेबनानी सीमा क्षेत्र में पांच प्रमुख ठिकानों पर अपनी सैन्य उपस्थिति बनाए रखी है।

 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...