Gaza Flooding : गाजा में भारी बारिश से बाढ़ के कारण विस्थापित परिवारों की मदद में जुटी संयुक्त राष्ट्र की राहत टीम

गाजा में बाढ़ से हाहाकार, संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य तेज
गाजा में भारी बारिश से बाढ़ के कारण विस्थापित परिवारों की मदद में जुटी संयुक्त राष्ट्र की राहत टीम

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता से जुड़ी संस्थाएं भारी बारिश के बाद गाजा में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद कर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि राहत टीमें तुरंत मौके पर भेज दी गई हैं ताकि लोगों को अस्थायी ठिकाने और जरूरी सहायता मिल सके।

ओसीएचए ने कहा कि बारिश ने पूरे गाजा क्षेत्र में लोगों की हालत और खराब कर दी है। उनके सामान भी भीग गए हैं और हजारों बेघर परिवार खुले आसमान के नीचे ठंड और खराब मौसम का सामना कर रहे हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बुजुर्गों, दिव्यांगों और कमजोर लोगों के लिए हालात और भी कठिन हैं।

सहायता देने वाले संगठनों ने बताया कि बाढ़ रोकने के लिए जिन औजारों और मशीनों की जरूरत है, वे गाज़ा में उपलब्ध नहीं हैं। तम्बुओं से पानी निकालने या कचरा हटाने जैसी साधारण ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। लाखों जरूरी राहत सामग्री अभी भी जॉर्डन, मिस्र और इजरायल में अटकी हुई है और गाज़ा में प्रवेश की अनुमति का इंतजार कर रही है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ओसीएचए ने कहा कि दस अक्टूबर की संघर्ष-विराम घोषणा के बाद इजरायली अधिकारियों ने नौ संगठनों द्वारा भेजे गए लगभग चार हजार पैकेट राहत सामग्री को गाजा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इनमें तम्बू, बिस्तर, रसोई के सामान और गर्म कपड़े शामिल हैं।

गुरुवार को लगभग एक हज़ार तम्बू दैर अल–बला और खान यूनिस में बांटे गए। रविवार से बुधवार के बीच लगभग सात हज़ार कंबल, पंद्रह हज़ार तिरपाल और सर्दियों के कपड़े हज़ारों परिवारों तक पहुँचाए गए।

ओसीएचए ने बताया कि खराब हालात के कारण बच्चों सहित कई लोग विस्फोटक वस्तुओं के संपर्क में आने के खतरे में हैं। कुछ लोग जलाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करते समय घायल हुए हैं और कई परिवार मजबूरी में ऐसे इलाकों में तंबू लगाने को मजबूर हैं जहां पुराने विस्फोटक मौजूद हो सकते हैं।

संघर्ष–विराम के बाद से अब तक दस से अधिक लोग विस्फोटक अवशेषों के कारण घायल हुए हैं। गाज़ा क्षेत्र छोटा होने के कारण खतरनाक जगहों से बचना भी कठिन है।

--आईएएनएस

 

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