ट्रंप ने की मांग: स्वेज और पनामा नहर से फ्री जाने चाहिए अमेरिकी जहाज

ट्रंप ने कहा- अमेरिकी जहाजों को पनामा और स्वेज नहरों से मुफ्त आवागमन की सुविधा मिलनी चाहिए
Donald Trump news

वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होने के साथ साथ एक कारोबारी भी है। वो इससे जुड़ी बारीकियों को बखूबी समझते हैं। ट्रंप ने कहा है कि स्वेज और पनामा नहर से अमेरिकी व्यापारिक और मिलिट्री जहाजों को फ्री आवागमन की सुविधा दी जानी चाहिए। इससे पहले भी ट्रंप कई बार पनामा नहर को अमेरिकी आधिपत्य में लाने की वकालत कर चुके हैं।

सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्रंप ने लिखा, अमेरिकी जहाजों, सैन्य और व्यापारिक दोनों को ही पनामा और स्वेज नहरों से निशुल्क आवागमन की सुविधा दी जानी चाहिए क्योंकि हमारे यानी संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के बिना यह नहरें अस्तित्व में नहीं होती। ट्रंप ने कहा कि मैंने इस बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की है और इस स्थिति को ध्यान में रखने और संभव बनाने के लिए कहा है। पनामा नहर को लेकर ट्रंप का नजरिया उनके राष्ट्रपति बनने से पहले से ही जाहिर होता रहा है। उन्होंने बार-बार इस बात को दोहराया है कि वह नहर को अमेरिकी आधिपत्य में वापस लाना चाहते हैं। राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने से पहले भी उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह पनामा नहर पर आधिपत्य वापस पाने के लिए आर्थिक या सैन्य बल का उपयोग करने से इनकार नहीं करेंगे। पनामा को वापस लेने का दावा करने वाले ट्रंप ने पनामा पर आरोप लगाया था कि हमने इस नहर को पनामा देश को दिया था लेकिन फिलहाल इसे चीन चला रहा है। हमने इसे चीनी कंपनी या फिर चीन को नहीं दिया था।

बता दें कि पनामा नहर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के इस्थमस के सबसे संकरे हिस्से को काटकर बनाई गई है। यह जहाजों को अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के बीच में अधिक तेजी से जोड़ने का काम करती है। इस नहर के जरिए ही हर साल अमेरिकी जहाजों का करीब 40 फीसदी ट्रैफिक जाता है। 100 साल से भी ज्यादा पुरानी इस नहर का निर्माण 1914 में अमेरिका ने ही किया था। बाद में कुछ साल अपने और फिर संयुक्त स्वामित्व में रखने के बाद 1999 में इसे पनामा को सौंप दिया गया था। वहीं दूसरे तरफ स्वेज नहर दक्षिण एशिया के लिए रास्ता खोलती है। यह पूरे अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाने से बचाती है। यह नहर दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक है।

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