सियोल, 5 अगस्त (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने आगामी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन से पहले कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) क्षेत्र में संबंधों को व्यापक बनाने के तरीकों पर मंगलवार को बातचीत की। विज्ञान मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
विज्ञान मंत्री बे क्यूंग-हून ने सियोल के पश्चिम में इंचियोन स्थित व्हाइट हाउस के विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय (ओएसटीपी) के निदेशक माइकल क्रेट्सियोस से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग 2025 डिजिटल और एआई मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान हुई।
बातचीत के दौरान, बे ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ली जे म्युंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आगामी शिखर सम्मेलन से मिली गति का लाभ उठाते हुए रणनीतिक प्रौद्योगिकी पर एक संयुक्त द्विपक्षीय पहल विकसित की जाएगी।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों अधिकारियों ने बायोटेक्नोलॉजी और अगली पीढ़ी के परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों में रणनीतिक प्रौद्योगिकियों सहित अन्य मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा की।
मंत्रालय ने कहा कि बे ने विस्तृत योजनाओं के आदान-प्रदान के लिए शीघ्र ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक संयुक्त समिति की बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
इससे पहले, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों ने वाशिंगटन में राष्ट्रपति ली जे म्युंग के प्रशासन के सत्ता में आने के बाद पहली बार मुलाकात की थी। दोनों देशों के बीच कई सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें उनके नेताओं के बीच होने वाली शिखर बैठक की तैयारी भी शामिल है।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश विभाग में मुलाकात की। यह बैठक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरिया के साथ व्यापार समझौते की घोषणा के ठीक एक दिन बाद हुई। ट्रंप ने कहा कि उनकी और ली की शिखर बैठक दो सप्ताह बाद, गुरुवार को व्हाइट हाउस में होगी।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका के शीर्ष राजनयिक उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु खतरे पर समन्वय, दोनों देशों के गठबंधन की भविष्य की दिशा पर साझा समझ बनाने, और अन्य क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं।
राज्य विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बैठक की घोषणा की और सियोल व वाशिंगटन के बीच व्यापार समझौते पर टिप्पणी की।
--आईएएनएस
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