तालिबान विदेश मंत्री का पाकिस्तान पर परोक्ष हमला, अफगान शरणार्थियों के ‘अमानवीय निर्वासन’ पर जताई कड़ी आपत्ति

काबुल, 18 नवंबर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के तालिबान कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताक़ी ने मंगलवार को पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ देश राजनीतिक कारणों से अफगान शरणार्थियों के साथ "अमानवीय व्यवहार" कर रहे हैं और कठोर सर्दी के बीच उन्हें जबरन घरों से बाहर निकाला जा रहा है।

काबुल में अफगानिस्तान और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के बीच पांचवीं समन्वय बैठक को संबोधित करते हुए मुत्ताकी ने पड़ोसी देश की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को जबरन निकालना अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है और महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों के साथ गंभीर अन्याय है।

उन्होंने कहा, “कुछ देशों में राजनीतिक कारणों से अफगान शरणार्थियों के साथ अमानवीय व्यवहार जारी है। कठोर सर्दी में उन्हें जबरन घरों से निकाला जा रहा है और सीमा चौकियों पर प्रवेश से रोका जा रहा है। क्या यह अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं? क्या यह महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ अन्याय नहीं?”

यूएन के अनुसार, ईरान और पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों की मेजबानी करने वाले सबसे बड़े देश हैं। ईरान में करीब 3.5 मिलियन और पाकिस्तान में लगभग 1.6 मिलियन अफगान रह रहे हैं।

सितंबर 2025 तक, पिछले एक वर्ष में लगभग 1,26,800 अफगान शरणार्थी पाकिस्तान से लौटकर फिर अफगानिस्तान पहुंचे हैं।

पिछले सप्ताह, यूएनएचसीआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2025 में पाकिस्तान ने रिकॉर्ड संख्या में अफगान प्रवासियों को गिरफ्तार किया है। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां बलूचिस्तान और पंजाब में हुईं।

रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी से मध्य नवंबर 2025 तक पाकिस्तान ने 1,00,971 अफगानों को हिरासत में लिया, जबकि 2024 में यह संख्या लगभग 9,000 और 2023 में 26,000 थी। इनमें से 76 प्रतिशत लोग अफगान सिटीजन कार्ड धारक या बिना दस्तावेज वाले थे, जबकि बाकी 24 प्रतिशत के पास ‘प्रूफ ऑफ रजिस्ट्रेशन’ कार्ड था।

पाकिस्तान में गिरफ्तारी और निर्वासन में बढ़ोतरी 2025 में जारी दो सरकारी आदेशों के बाद देखी गई, जिनमें इस्लामाबाद और रावलपिंडी से अफगानों को हटाने और पीओआर कार्ड धारकों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की अनुमति शामिल थी।

--आईएएनएस

डीएससी

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