मास्को: रूस का बहुप्रतीक्षित अंतरिक्ष यान सोयुज एमएस-27 लॉन्च पैड तक पहुंच चुका है। यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर रवाना होने को तैयार है। दुनिया अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाने जा रही है। यह ऐतिहासिक यान रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस द्वारा संचालित किया जाता है और इसे सबसे भरोसेमंद अंतरिक्ष यानों में गिना जाता है। इसकी लॉन्चिंग कजाकिस्तान स्थित बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से होगी, जो कि वही ऐतिहासिक स्थल है जहां से 1961 में यूरी गगारिन ने पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान भरी थी। पांच अप्रैल को यह यान विशेष तैयारियों के तहत लॉन्च पैड तक पहुंचाया गया। इस प्रक्रिया को रोल आउट कहा जाता है, जिसमें यान को उसकी असेंबली साइट से लॉन्च प्लेटफॉर्म तक रेल मार्ग से बेहद सावधानी के साथ लाया जाता है।
इस दौरान तकनीशियनों की टीम ने रॉकेट सिस्टम, क्रू केबिन और अन्य अहम उपकरणों की बारीकी से जांच की ताकि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। हर चरण में यह सुनिश्चित किया गया कि लॉन्च के समय कोई तकनीकी गड़बड़ी न आए। इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य एक नई अंतरिक्ष यात्री टीम को आईएसएस तक सुरक्षित पहुंचाना है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एक विशाल प्रयोगशाला है जो पृथ्वी की कक्षा में लगातार चक्कर लगाती रहती है।
यहां विभिन्न देशों के वैज्ञानिक मिलकर अंतरिक्ष, पृथ्वी और मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करते हैं। हालांकि सोयुज एमएस-27 में सवार होने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुए हैं, पर ऐसा माना जा रहा है कि उनमें रूस, अमेरिका और अन्य देशों के यात्री शामिल होंगे। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल भी पेश करता है। लॉन्च की सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन आमतौर पर रोल आउट के कुछ ही दिनों के भीतर लॉन्च कर दिया जाता है। जैसे ही यान उड़ान भरेगा, वह कुछ ही घंटों में आईएसएस तक पहुंच जाएगा।