सोल: दक्षिण कोरिया में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-येओल के एक साल पहले असफल मार्शल लॉ (आपातकाल) प्रयास में सेना की भूमिका को लेकर रक्षा मंत्री अह्न ग्यु-बैक ने मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।
योनहाप न्यूज एजेंसी ने बताया कि यह माफी मार्शल लॉ की घोषणा की पहली वर्षगांठ से ठीक एक दिन पहले आई, जब यून ने 3 दिसंबर 2024 को रात अचानक आपातकाल लगाने की कोशिश की थी, जो मात्र छह घंटे में संसद द्वारा खारिज कर दी गई।
अह्न ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि सेना को "लोगों के लिए" पुनर्निर्मित करने का वादा किया है और इसे राजनीतिक हथियार बनाने की पुरानी प्रथा से मुक्त किया जाएगा।
अह्न ने 2024 के मार्शल लॉ प्रयास में सेना की भागीदारी के लिए गहरा खेद व्यक्त किया।
अह्न ने कहा, "मैं सेना की ओर से जनता से माफी मांगता हूं। हमारी वजह से लोगों की जिंदगी पर आफत आई, इसने कइयों को गहरे जख्म दिए, और हमने संसद और राष्ट्रीय चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन कर बहुत बड़ा गुनाह किया।"
उन्होंने कहा, "मैं सेना को लोगों के लिए पुनर्निर्मित करने का वादा करता हूं।" अह्न 64 वर्षों में पहले नागरिक (असैन्य) रक्षा मंत्री हैं, जिन्होंने नियुक्ति के समय ही इस तरह के दुरुपयोग को रोकने का संकल्प लिया था। उन्होंने वादा किया कि अब सेना को "आपातकाल के टूल की तरह प्रयोग कर बर्बाद नहीं किया जाएगा।"
उन्होंने दावा किया कि मैंने शुरू से कोशिश की है कि हरेक कदम जो हम लेते हैं वो नागरिक नियंत्रण की ओर बढ़े और हर कदम बगावत को खत्म करने में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो।
मार्शल लॉ लगाने की रात संसद भवन में पुलिस और सेना को तैनात किया गया था ताकि सांसद आपातकाल के विरोध में मत न डाल पाएं। लेकिन 190 सांसदों ने रात 1:02 बजे आपातकाल रद्द करने का प्रस्ताव पारित कर दिया था।
रक्षा मंत्रालय ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जो मार्शल लॉ से जुड़े अनुशासनिक मामलों को संभाल रहे थे। राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने सोशल मीडिया पर हाल ही में कहा, "हम युद्ध के कगार पर थे... लेकिन कोरियाई लोगों ने इसे रोक दिया।"
