इस्लामाबाद: आतंकी तैयार करो और भारत पर हमले करवाओ। इसी नीति पर पाकिस्तान बीते 30 सालों से चल रहा है। अब अति हो गई तो भारत ने इससे निपटने की तैयारी शुरु कर दी। अब डर के मारे पूरी दुनिया में पाकिस्तान आंसू बहाता फिर रहा है और कोई भी देश मदद करना तो दूर उसका दुखड़ा भी सुनने को तैयार नहीं है।
पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई है। पीएम शहबाज शरीफ और उनकी सरकार इतना डरी हुई है कि वह दुनिया भर के देशों के सामने घड़ियाली आंसू बहाकर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तानी पीएम पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘मासूमियत’ की चादर ओढ़े हुए हैं। तुर्की संग बातचीत में शहबाज के बयान से उनकी बेबसी और डर का पता चलता है। इस्लामाबाद में तुर्की के राजदूत डॉ इरफान नेजिरोग्लु से बातचीत में शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की उकसावे वाली कार्रवाई के बावजूद जिम्मेदार और संयमित प्रतिक्रिया दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि भारत ने अब तक कोई सबूत नहीं दिया है और पाकिस्तान को झूठे तरीके से पहलगाम हमले से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान किसी विश्वसनीय, पारदर्शी और अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए तैयार है, और तुर्की को इसमें शामिल होने का न्यौता दिया।
सवाल यह उठता है कि जब भारत पीड़ितों का आंसू पोछ रहा है, तो पाकिस्तान आतंकियों के नाम पर खुद को पीड़ित क्यों दिखा रहा है? पाकिस्तान बार-बार आतंकवाद के खिलाफ कागजी बयान देता रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है। पहलगाम की राख अभी ठंडी नहीं हुई है और पाकिस्तान ‘पीड़ित’ बनने की कवायद में जुट गया है। भारत की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में यह साफ है अब सबूतों से नहीं, जवाब कार्रवाई से मिलेगा। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से आयात और ट्रांजिट के माध्यम से आने वाले सभी सामानों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान के साथ सभी डाक सेवाओं को स्थगित कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के राजनयिकों को निष्कासित किया है और अपने राजनयिकों को भी वापस बुलाया है। भारत ने 1960 की इंडस जल संधि सस्पेंड कर दी है। पाकिस्तान ने इस कदम को युद्ध जैसी कार्रवाई कही है। इसके अलावा भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ाया है और सेना को हमले की पूर्ण स्वतंत्रता दी है। सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।