शेख हसीना ने आईटीसी के फैसले पर उठाए सवाल, बोलीं-यूनुस सरकार अवामी लीग को करना चाहती है निष्प्रभावी

ढाका, 17 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईटीसी) के फैसले पर पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। शेख हसीना ने सोमवार को कहा कि उनके खिलाफ सुनाया गया फैसला एक 'धांधली ट्रिब्यूनल' से आया है, जिसका गठन और अध्यक्षता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अनिर्वाचित अंतरिम सरकार ने किया। इसके पास लोकतांत्रिक जनादेश का अभाव है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने कोर्ट के फैसले को 'पक्षपाती' और 'राजनीति से प्रेरित' बताया। आईसीटी ने पूर्व प्रधानमंत्री को पिछले साल जुलाई में प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश देने और उनकी सुरक्षा न करने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई।

पूर्व पीएम शेख हसीना ने बांग्लादेश आईटीसी के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, "मृत्युदंड की अपनी घृणित मांग अंतरिम सरकार के भीतर चरमपंथी लोगों के गलत और खतरनाक इरादे को दर्शाती है। अंतरिम सरकार बांग्लादेश के अंतिम निर्वाचित प्रधानमंत्री को हटाना और अवामी लीग को एक राजनीतिक ताकत के रूप में निष्प्रभावी करना चाहती है।"

शेख हसीना ने कहा कि डॉ. मोहम्मद यूनुस के अराजक और हिंसक शासन के अधीन काम कर रहे लाखों बांग्लादेशी अपने लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने के इस प्रयास से मूर्ख नहीं बनेंगे।

उन्होंने अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "वे देख सकते हैं कि तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा चलाए गए मुकदमों का उद्देश्य कभी न्याय प्राप्त करना या पिछले साल जुलाई-अगस्त की घटनाओं की कोई वास्तविक जानकारी प्रदान करना नहीं था। उनका उद्देश्य अवामी लीग को बलि का बकरा बनाना और डॉ. यूनुस और उनके मंत्रियों की विफलताओं से दुनिया का ध्यान भटकाना था।"

शेख हसीना ने कहा कि यूनुस के शासन में सार्वजनिक सेवाएं चरमरा गई हैं। देश की अपराध-ग्रस्त सड़कों से पुलिस पीछे हट गई है और न्यायिक निष्पक्षता को नुकसान पहुंचाया गया है। अवामी लीग के समर्थकों पर बेखौफ हमले हो रहे हैं। हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं और महिलाओं के अधिकारों का दमन किया जा रहा है।

--आईएएनएस

केके/वीसी

Related posts

Loading...

More from author

Loading...