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नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूटान दौरे से पहले भगवान गौतम बुद्ध के पवित्र अवशेष को सार्वजनिक दर्शन के लिए भूटान लाया गया है। भूटानी पीएम शेरिंग तोबगे इसे लेने के लिए आए। इसके लिए पीएम मोदी ने भूटानी पीएम का आभार जताया।
भूटान के पीएम ऑफिस की तरफ से इस पवित्र कार्यक्रम की तस्वीरें साझा की गईं। तस्वीरों के साथ पोस्ट में लिखा था, "प्रधानमंत्री ने झुंग द्रत्सांग के सदस्यों, सचिवालय के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ आज ताशिछोद्ज़ोंग में भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष प्राप्त किए। पिपराहवा-कपिलवस्तु अवशेष के रूप में जाने जाने वाले इन अवशेषों का गहरा ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व है, जो वैश्विक बौद्ध परंपरा में सबसे अधिक पूजनीय वस्तुओं में से एक हैं और भगवान बुद्ध की भौतिक उपस्थिति और स्थायी आशीर्वाद से सीधा और ठोस संबंध स्थापित करते हैं।"
आगे लिखा गया कि आगमन पर, पवित्र अवशेषों को चिपड्रेल जुलूस में ले जाया गया और ताशिछोद्ज़ोंग के कुएंरे प्रांगण में सशस्त्र बलों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो की 70वीं जयंती के उपलक्ष्य में, इन अवशेषों को 12 से 17 नवंबर 2025 तक ताशिछोद्ज़ोंग के ग्रैंड कुएंरे में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा।
वहीं पीएम मोदी ने आभार जताते हुए लिखा, "भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के श्रद्धापूर्वक स्वागत के लिए भूटान की जनता और नेतृत्व का हार्दिक आभार। ये अवशेष शांति, करुणा और सद्भाव के शाश्वत संदेश के प्रतीक हैं। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमारे दोनों देशों की साझा आध्यात्मिक विरासत के बीच एक पवित्र कड़ी हैं।"
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रति भूटान की सरकार और जनता द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत को देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ।"
बता दें कि भारत सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की सार्वजनिक प्रदर्शनी 8 से 18 नवंबर 2025 तक की जाएगी। भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु और अधिकारी शामिल हैं। यह प्रदर्शनी भारत और भूटान के बीच स्थायी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक साझेदारी में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव है।
--आईएएनएस
केके/डीएससी