बीजिंग, 7 सितंबर (आईएएनएस)। स्थानीय समयानुसार 5 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का पुराना नाम युद्ध मंत्रालय बहाल किया। कार्यकारी आदेश में दावा किया गया कि इस कदम से यह संदेश भेजा गया है कि अमेरिका अपने हितों की रक्षा के लिए युद्ध करने को तैयार है।
इस ख़बर ने अंतर्राष्ट्रीय लोकमत का बड़ा ध्यान खींचा है। चाइना मीडिया ग्रुप के अधीन सीजीटीएन द्वारा वर्ष 2023 से वर्ष 2024 तक लगातार विश्व के 38 देशों के चौदह हजार से अधिक नेटिजनों के बीच चलाये गये सर्वे के परिणामों से जाहिर है कि युद्ध की मनमानी से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि पर गंभीर नुकसान पहुंचता है। अधिकांश उत्तरदाताओं को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अमेरिका के नेतृत्व की वैधता पर शंका है।
सीजीटीएन के सर्वे के अनुसार 61.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं का विचार है कि अमेरिका विश्व में सबसे युद्धप्रिय देश है। 70.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं का विचार है कि बाहर में अमेरिका द्वारा युद्ध छेड़ने से गंभीर मानवीय संकट पैदा हुए। यूरोपीय देशों में 73.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि अमेरिका द्वारा निरंतर दूसरे देशों को सैन्य सहायता करना विश्व शांति व स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। 63.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अमेरिका द्वारा लंबे समय से रंग क्रांति उकसाने और अन्य देशों में छद्म युद्ध चलाने की निंदा की।
सर्वे से पता चला है कि सिर्फ 49.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का विचार है कि अमेरिका एक विश्वसनीय देश है। दो साल में अमेरिका के प्रति वैश्विक विश्वास स्तर 8.4 प्रतिशत कम हो गया। यूरोप में 79.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का विचार है कि अमेरिका एक घमंडी देश है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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