सीजीटीएन सर्वे : अमेरिका की "अनुपस्थिति" के अनुकूल ढलने लगी है दुनिया

बीजिंग, 25 जुलाई (आईएएनएस)। अमेरिका का "अनुबंध तोड़ना और संगठन से निकलना" अब कोई नई खबर नहीं है, यूनेस्को से तीसरी बार निकलना तो दूर की बात है। चाइना मीडिया ग्रुप के सीजीटीएन द्वारा दुनिया भर के नेटिज़न्स के लिए शुरू किए गए एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, 84.2 प्रतिशत उत्तरदाता अमेरिका के इस कदम से निराश थे, लेकिन आश्चर्यचकित नहीं थे। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अमेरिका की सामान्य "अनुपस्थिति" के अनुकूल ढलना शुरू कर दिया है। इस "अमेरिका फर्स्ट" एकतरफावाद ने सच्चे बहुपक्षवाद के अभ्यास को और अधिक जरूरी बना दिया है।

अमेरिकी सरकार के इस बार निकलने का कारण बहुत सीधा है, यानी यूनेस्को की "विभाजनकारी सामाजिक और सांस्कृतिक उपक्रमों को बढ़ावा देने" के लिए आलोचना करना, जो 'अमेरिका फ़र्स्ट' नीति के अनुरूप नहीं हैं। इस संबंध में, 93.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को अपनी राजनीतिक गणनाओं के लिए औजार बनाने के लिए अमेरिकी सरकार की आलोचना की, जिससे उसकी आधिपत्यवादी प्रकृति उजागर हुई।

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने कहा कि अमेरिका का बाहर निकलना खेदजनक है और यूनेस्को इसके लिए तैयार है। सर्वेक्षण में, 88.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि "अनुबंध तोड़ने और संगठन से निकलने" की अमेरिका की आदत एक प्रमुख शक्ति के रूप में उसकी अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता और प्रभाव को गंभीर रूप से कम करती है; 88.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना था कि अमेरिका की त्वरित निकलना वैश्विक शासन, गैर-बहुपक्षीय करण और अंतर्राष्ट्रीय तंत्रों का विरोध करने की उसकी बढ़ती नीतिगत प्रवृत्ति को दर्शाती है; 66.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं को चिंता थी कि अमेरिका का बाहर निकलने का व्यवहार अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर स्थायी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा; 92.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सच्चे बहुपक्षवाद का पालन करने और एक अधिक निष्पक्ष एवं उचित नई अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

एएस/

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