सिएटल में पहली 'इंडिया डे परेड' का हुआ आयोजन, मेयर हैरेल बोले- अमेरिका और भारत के गहरे संबंधों की दिखी झलक

सिएटल, 18 अगस्त (आईएएनएस)। 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत सिएटल में पहली बार 'इंडिया डे परेड' आयोजित की गई। इस दौरान 28 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते 30 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए। हर स्टॉल पर संबंधित राज्य के "एक जिला एक उत्पाद" के तहत चुने गए उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा, इन उत्पादों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को भी दर्शाया गया। साथ ही, कई विषयों पर आधारित खास प्रदर्शनियां भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहीं।

इस मौके पर कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। उन्होंने ‘विविधता में एकता’ की असली भारतीय भावना को करीब से देखा और ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ योजना के बारे में जानकारी ली। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न पर आधारित है, जिसका मकसद देश के सभी जिलों का संतुलित विकास करना और वैश्विक मंच पर ‘ब्रांड इंडिया’ को आगे बढ़ाना है।

इस कार्यक्रम में सिएटल के मेयर ब्रूस हैरेल, अमेरिकी सांसद एडम स्मिथ, सिएटल पोर्ट कमिश्नर सैम चो, सिएटल पार्क और मनोरंजन विभाग के निदेशक ए. पी. डियाज, किंग काउंटी काउंसिल की सदस्य क्लाउडिया बाल्डुची, अमेरिकी तटरक्षक बल के नॉर्थवेस्ट जोन कमांडर रियर एडमिरल एरेक्स अवानी और वाशिंगटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश स्टीवन गोंजालेज शामिल हुए। इसके अलावा, मर्सर आइलैंड, नॉरमैंडी पार्क, सैममिश और नॉर्थ बेंड शहरों के मेयर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मेयर हैरेल ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने का सौभाग्य मिला। स्पेस नीडल पर पहली बार भारतीय ध्वज फहराने से लेकर आज शहर में निकली परेड तक। ये पल सिएटल की समावेशिता की भावना और भारत व भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ हमारे मजबूत रिश्तों को दर्शाते हैं!"

सिएटल शहर के सहयोग से आयोजित इस स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत के सभी राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दिखाया गया। कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियां भी शामिल थीं, जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रहीं।

उद्घाटन समारोह की शुरुआत वेद मंत्र से हुई, जिसके बाद भारत का ध्वजारोहण किया गया। फिर भारत और अमेरिका के राष्ट्रगान गाए गए। इसके बाद "नाट्यम: भारत का एक नृत्य मोज़ेक" नामक एक रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई, जिसमें भारत की विभिन्न नृत्य परंपराओं को पेश किया गया। इस शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। महावाणिज्य दूत प्रकाश गुप्ता ने सिएटल के मेयर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मिलकर 'भारत दिवस परेड' को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई। जैसे ही तिरंगे रंग के गुब्बारे आकाश में छोड़े गए, परेड की भव्य शुरुआत हो गई।

इतिहास में पहली बार भारत का तिरंगा सिएटल के आसमान पर उस समय लहराया, जब इसे मशहूर स्पेस नीडल के ऊपर फहराया गया।

2000 से ज्यादा लोगों को संबोधित करते हुए, मेयर हैरेल ने सिएटल में भारतीय वाणिज्य दूतावास की स्थापना को एक "ऐतिहासिक कदम" बताया। उन्होंने कहा कि सिएटल एक विविधता से भरा और तकनीकी रूप से अग्रणी शहर है, जिसमें भारतीय-अमेरिकी समुदाय का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सिएटल को पहली बार इंडिया डे परेड की सह-मेजबानी करने का सम्मान मिला है।

मेयर हैरेल ने आगे कहा कि अमेरिका को भारत से प्रेम, करुणा और अहिंसा का संदेश सीखने की जरूरत है। वहीं, अमेरिकी सांसद एडम स्मिथ ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया भर में शांति और सुरक्षा सबसे जरूरी हैं और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत अमेरिका का सबसे मजबूत साझेदार है।

विविधता में एकता की सच्ची भारतीय भावना के अनुरूप भारत के सभी राज्यों से आए हजारों भारतीय-अमेरिकियों ने झांकियों और प्रदर्शनों के माध्यम से परेड में भाग लिया, जिसमें उनके क्षेत्र की अनूठी संस्कृति, भाषाओं और कला रूपों का प्रदर्शन किया गया। प्रत्येक झांकी और प्रदर्शन का समन्वय भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख लोगों ने किया था।

कार्यक्रम में वॉशिंगटन तेलंगाना एसोसिएशन ने सामुदायिक नेतृत्व निभाया। कुछ प्रमुख आकर्षणों में गुजरात का रंग-बिरंगा गरबा, महाराष्ट्र का जोश से भरा लावणी लोक नृत्य, आंध्र प्रदेश का सुंदर कुचिपुड़ी, ओडिशा की बोइता बंदना प्रस्तुति (वंदे उत्कल जननी के साथ), और स्वामी विवेकानंद के विचारों को दर्शाती पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल थीं।

राज्यों और क्षेत्रीय प्रस्तुतियों के साथ-साथ कुछ विशेष विषयों पर आधारित प्रदर्शनों ने कार्यक्रम में और गहराई जोड़ दी। इनमें भारतीय विरासत कला शामिल थी, जिसमें युवा भारतीय-अमेरिकियों द्वारा बनाई गई पारंपरिक पेंटिंग प्रदर्शित की गईं। गुरुकुल नामक प्रदर्शनी में भारत की भाषाई विविधता को दर्शाया गया। इसके अलावा, 'बीट्स ऑफ वाशिंगटन' की एक जोशीली प्रस्तुति भी हुई, जिसमें छत्रपति शिवाजी सहित कई वीर व्यक्तित्वों की बहादुरी और विरासत को दर्शाया गया।

गणमान्य लोगों और आगंतुकों ने भारत के अलग-अलग राज्यों के खास व्यंजनों का स्वाद चखा और सांस्कृतिक चीजों को देखा-समझा। इससे उन्हें भारत की समृद्ध विरासत और परंपराओं की एक जीवंत झलक मिली।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

Related posts

Loading...

More from author

Loading...