प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन सीमा पार आतंकवाद पर विचार साझा करेंगे

नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को कहा कि बुधवार से शुरू होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दों और इस तरह की चुनौतियों का दृढ़ता से जवाब देने की आवश्यकता के बारे में विचार साझा किए जाएंगे।

पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन टीआरएफ कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसमें इस साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में नागरिकों पर हुआ जघन्य हमला भी शामिल है। हमले की जिम्मेदारी इस संगठन ने दो बार ली है।

विदेश सचिव ने कहा, "पहलगाम में टीआरएफ की भूमिका के बारे में, आप इस संबंध में हाल के घटनाक्रमों से अवगत हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग ने हाल ही में टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन, एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी और पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का प्रतिनिधि घोषित किया है। मुझे यकीन है कि हमारे ब्रिटिश सहयोगियों को इस घटनाक्रम की जानकारी है, लेकिन इससे हमें सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दों और ऐसी चुनौतियों का दृढ़ता से जवाब देने की आवश्यकता पर आगे विचार साझा करने का अवसर मिलेगा।"

पिछले सप्ताह टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि यह कार्रवाई हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के न्याय के आह्वान को लागू करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

उन्होंने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा और प्रतिनिधि संगठन, टीआरएफ ने 22 अप्रैल, 2025 को हुए पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 में लश्कर द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था।"

भारत ने वाशिंगटन के इस फैसले का स्वागत किया था और इसे समय पर उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया था। आतंकवाद-रोधी कार्रवाई में यह भारत और अमेरिका के बीच गहरे सहयोग को दर्शाता है।

--आईएएनएस

पीएके/एबीएम

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