भारत के ऐक्शन से तिलमिलाए पाकिस्तान ने दे दी परमाणु हमले की धमकी

पाक मंत्री ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी, सिंधु जल संधि निलंबन से बढ़ा तनाव
 Pakistan nuclear threat

नई दिल्ली: भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने और पहलगाम हमले के बाद लिए गए सख्त कूटनीतिक कदमों से पाकिस्तान बौखला गया है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान के शहबाज शरीफ सरकार में मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत को खुलेआम परमाणु हमले की धमकी दी है। अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान के पास मौजूद गोरी, शाहीन, और गजनवी जैसी मिसाइलें और 130 परमाणु हथियार केवल भारत के लिए रखे गए हैं। 

पाकिस्तानी मंत्री हनीफ अब्बासी ने बयान देते हुए कहा, अगर हमारा पानी रोका गया तो जंग के लिए तैयार रहें। गोरी, शाहीन, गजनवी मिसाइलें हमने चौकों में सजाने के लिए नहीं रखी हैं। ये हिंदुस्तान के लिए रखी हैं। हमारे 130 परमाणु हथियार कोई मॉडल नहीं हैं, ये भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल क्षमताएं पूरी तरह से भारत की ओर केंद्रित हैं और भारत को गंभीर नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। 

भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। इन कदमों में सबसे बड़ा कदम रहा — सिंधु जल संधि का निलंबन। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिंधु जल संधि के निलंबन से पाकिस्तान की कृषि, पेयजल और बिजली उत्पादन पर भारी असर पड़ सकता है, क्योंकि पाकिस्तान भारत से बहने वाली नदियों के जल पर काफी निर्भर है। 

पाकिस्तान की चिंता और बढ़ती बौखलाहट

सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 से लागू थी। भारत ने इसे 1965, 1971 के युद्धों और कारगिल संघर्ष के बावजूद जारी रखा था। लेकिन अब आतंकवाद और सीमा पार हिंसा ने भारत को मजबूर कर दिया है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ जल को भी रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करे। इसी दबाव में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी शनिवार को भारत को चेतावनी दी थी कि अगर पानी रोका गया तो पाकिस्तान पूरी ताकत से जवाब देगा। 

भारत ने बार-बार दोहराया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। जल को लेकर भारत की नीति अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में रहते हुए पाकिस्तान पर दबाव बनाने की है। भारत ने अभी तक सिंधु जल संधि के प्रावधानों का सम्मान किया है, लेकिन अब पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने की नीति के चलते भारत ने इसे अपने विकल्पों में शामिल कर लिया है। पाकिस्तान के नेताओं की गीदड़भभकियों से भारत विचलित होने वाला नहीं है। 

 

 

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