नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए कड़े कूटनीतिक कदमों, खासतौर पर सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले ने पाकिस्तान को बौखलाहट में ला दिया है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान सरकार के मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत को खुलेआम परमाणु हमले की धमकी दी।
पाकिस्तानी मंत्री अब्बासी ने दावा किया कि पाकिस्तान के पास मौजूद गोरी, शाहीन और गजनवी जैसी मिसाइलें और 130 परमाणु हथियार भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका तो जंग के लिए तैयार रहना होगा।
यहां पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और सिंधु जल संधि को भी कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा। भारत अब अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत रहते हुए, आतंकवाद के खिलाफ हर मोर्चे पर कड़ा रुख अपनाने को तैयार है।
सिंधु जल संधि का महत्व
यहां बताते चलें कि 1960 से लागू सिंधु जल संधि भारत-पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे का आधार रही है। 1965, 1971 और कारगिल युद्ध के दौरान भी भारत ने संधि को बनाए रखा था। अब सीमापार से जारी घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघनों के बीच आतंकवादी हमलों के चलते भारत ने इसके निलंबन को एक रणनीतिक विकल्प बना लिया है।
पाकिस्तान की बौखलाहट
पाकिस्तान के परमाणु हमले की धमकियां उसकी हताशा और अंतरराष्ट्रीय दबाव को दिखाती हैं। भारत पाकिस्तान की गीदड़भभकियों से विचलित नहीं है और निर्णायक कार्रवाई की राह पर आगे बढ़ रहा है।