पाकिस्तानी विदेश मंत्री की 30 साल बाद ढाका यात्रा, भारत-बांग्लादेश रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश

ढाका, 22 अगस्त (आईएएनएस) पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा शनिवार से शुरू हो रही है। यह यात्रा मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की उस बेताबी को उजागर करती है जिसमें वह उस देश से रिश्ते सुधारना चाहती है जिसने 1971 में ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ के तहत लाखों बांग्लादेशी बंगालियों का नरसंहार किया था।

डार 23 अगस्त को ढाका पहुंचेंगे। यह पिछले तीन दशकों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा होगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, “भौगोलिक दूरी और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा किए गए नरसंहार के ऐतिहासिक बोझ के बावजूद, अगस्त 2024 में शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद से ढाका और इस्लामाबाद द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने में लगे हुए हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अब भी 1971 के नरसंहार के लिए न तो माफी मांगता है और न ही पछतावा दिखाता है। उल्टे पाक मीडिया में ऐसे लेख प्रकाशित हो रहे हैं जिनमें बांग्लादेश को ‘पुनः हासिल’ करने की बातें की जा रही हैं, ताकि भारत के खिलाफ 1971 की हार का बदला लिया जा सके।

बता दें कि 1971 में पाकिस्तानी सेना के हाथों 30 लाख से अधिक लोग मारे गए थे और 3 लाख से ज्यादा महिलाओं से बलात्कार किया गया था। बांग्लादेश के लोग तब से पाकिस्तान से माफी की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग अब तक अधूरी है। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तानी सेना और उसके सहयोगी संगठन रजाकार-अल-बद्र कभी भी इन अत्याचारों के लिए माफ नहीं किए जा सकते।

रिपोर्ट ने यह भी उजागर किया कि पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारी अब भी माफी से बचते हैं और इसके बजाय भारत के खिलाफ भविष्य के युद्ध में “पूर्व से हमला” करने जैसी धमकी भरी बातें करते हैं। इससे पाकिस्तान की यह मंशा जाहिर होती है कि वह बांग्लादेश की धरती को अपने भारत-विरोधी मंसूबों के लिए इस्तेमाल करना चाहता है।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान भारत-बांग्लादेश की पारंपरिक दोस्ती में जहर घोलना चाहता है। भारत हमेशा बांग्लादेश के संकट के समय मददगार रहा है, यहां तक कि बांग्लादेशी मरीज भारतीय अस्पतालों पर सबसे अधिक भरोसा करते हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान अपने एजेंटों के जरिए भड़काऊ बयान दिलवा रहा है ताकि भारत और बांग्लादेश के बीच दरार पैदा की जा सके। दुर्भाग्य से, यूनुस सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही और मौन दर्शक बनी हुई है।

--आईएएनएस

डीएससी/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...