इस्लामाबाद, 14 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) के कई इलाकों में गुरुवार को विरोध प्रदर्शन देखने को मिला और स्थानीय नेता के घर के बाहर पुलिस कर्मियों का धरना चौथे दिन भी जारी रहा।
जानकारी के अनुसार, पुलिसकर्मी 2025-26 के बजट के अनुसार भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। चिलास में चीनी नागरिकों की सुरक्षा में तैनात बल समेत अन्य जिलों के पुलिसकर्मी भी इस धरने में शामिल हुए। बजट में पीओजीबी पुलिस का दैनिक भत्ता 440 पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर 880 रुपये कर दिया गया था, लेकिन इस संबंध में अब तक कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
पुलिसकर्मियों का कहना है कि वे महीनों से यह मांग उठा रहे हैं। दो सप्ताह पहले हुए विरोध प्रदर्शन को भी अधिकारियों के 14 दिनों में मसले के समाधान के आश्वासन पर समाप्त किया गया था, लेकिन समस्या के समाधान के बजाय सोमवार को पीओजीबी पुलिस ने "दुर्व्यवहार" के आरोप में विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी। शुरुआती चरण में 63 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
इधर, वकीलों के संगठनों ने भी गिलगित, स्कर्दू, गिजर समेत अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और अदालतों का बहिष्कार किया। वकील पिछले 10 महीनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान बार काउंसिल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन जीबी, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जीबी और डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन गिलगित ने संयुक्त बैठक कर हड़ताल का ऐलान किया और अदालत की कार्यवाही में शामिल न होने का निर्णय लिया।
वकीलों की मुख्य मांगों में पीओजीबी सुप्रीम अपीलेट कोर्ट में खाली पदों पर जजों की नियुक्ति, वकील संरक्षण अधिनियम का विस्तार, खाली सिविल जज पदों का विज्ञापन और न्यायिक मजिस्ट्रेट पदों को सिविल जज पदों से अलग करना शामिल है। वकीलों ने कहा कि सुप्रीम अपीलेट कोर्ट पिछले सात वर्षों से केवल एक जज के साथ कार्य कर रहा है, जिसके चलते हजारों मामले लंबित हैं।
इस बीच, सिकंदराबाद (नगर) में बिजली संकट को लेकर भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और कराकोरम हाईवे के दियामेर हिस्से को अवरुद्ध कर दिया। नगर खास और अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए।
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