पाकिस्तान: अदालत ने महरंग बलूच और गुट के अन्य कार्यकर्ताओं की रिमांड 15 दिन के लिए बढ़ाई

क्वेटा, 11 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के क्वेटा में आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने गुरुवार को पुलिस के अनुरोध पर बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) प्रमुख महरंग बलूच और गुट के अन्य कार्यकर्ताओं की रिमांड 15 दिनों के लिए बढ़ा दी। स्थानीय मीडिया ने उनके वकील के हवाले से यह जानकारी दी।

वकील इसरार बलूच ने बताया कि बीवाईसी के गिरफ्तार नेताओं को क्वेटा एटीसी-1 के न्यायाधीश मुहम्मद अली मुबीन के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने पुलिस के अनुरोध पर उनकी पुलिस हिरासत की अवधि 15 दिन और बढ़ा दी। बलूच ने आगे बताया कि सिबगतुल्लाह शाहजी, बेबो बलूच, गुलजादी और बेबर्ग बलूच को भी अदालत में पेश किया गया।

महरंग बलूच और बीवाईसी के अन्य सदस्यों को क्वेटा सिविल अस्पताल पर हमला करने और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बीवाईसी नेताओं को समूह पर पुलिस की कार्रवाई के एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया, जब वे जबरन गायब किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

बीवाईसी प्रमुख को लोक व्यवस्था बनाए रखने (एमपीओ) की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया था, एक ऐसा कानून जो अधिकारियों को 30 दिनों की अवधि (पहली अवधि) के लिए लोक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने के संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने का अधिकार देता है। बाद में अप्रैल में बलूचिस्तान गृह विभाग ने उनकी हिरासत अवधि को और 30 दिनों (दूसरी अवधि) के लिए बढ़ा दिया। जून में बीवाईसी नेताओं की तीन महीने की हिरासत पूरी होने के बाद प्रांतीय सरकार ने चौथा विस्तार आदेश जारी किया।

एमपीओ के तहत उनकी गिरफ्तारी के बाद महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी नेताओं के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम और पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए। हिरासत में रहने के दौरान बीवाईसी नेताओं की रिमांड कई बार बढ़ाई गई है।

इस सप्ताह की शुरुआत में बीवाईसी ने पाकिस्तानी अधिकारियों पर नेताओं को हिरासत में रखने के लिए लोक व्यवस्था बनाए रखने (एमपीओ) कानून का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जबकि अदालतें नियमित रूप से पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) से जवाबदेही मांगे बिना रिमांड विस्तार को मंजूरी दे देती हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वकीलों ने बार-बार रिमांड रिपोर्ट मांगी, लेकिन अदालतों में सीटीडी का सामना करने का साहस नहीं है। मानवाधिकार समूह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों और वीडियो बयानों के लिए उनके नेताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन केवल तीन मामलों का ही निपटारा हुआ है और 30 से अधिक मामले लंबित हैं।

बीवाईसी ने हाल ही में हुई एक सुनवाई में महरंग बलूच और अन्य बीवाईसी नेताओं को पांच दिन की और रिमांड देने के लिए अदालत की कड़ी आलोचना की थी, जबकि पहले आश्वासन दिया गया था कि आगे कोई और रिमांड नहीं दी जाएगी। समूह ने कहा कि यह रिमांड विस्तार सार्वजनिक अवकाश के दिन दिया गया, जिससे सड़क जाम के कारण वकील और रिश्तेदार वहां नहीं आ सके। प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब शांतिपूर्ण राजनीतिक कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिल रहा है तो एक आम बलूच, जैसे कि एक चरवाहा, न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है।

--आईएएनएस

डीकेपी/

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