रियाद: पीएम नरेंद्र मोदी 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब के दौरे पर जा रहे हैं। पीएम मोदी का यह दौरा भारत और सऊदी अरब के रक्षा संबंधों के लिहाज से खास है। इस दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए कई समझौते हो सकते हैं। इसमें सऊदी सेना को भारतीय सेना की ओर से ट्रेनिंग देना भी शामिल है। इससे पहले पाकिस्तानी फौज सालों से सऊदी सेना को ट्रेनिंग देती रही है।
भारत और सऊदी अरब में रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ा है। दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण और रक्षा व्यापार बढ़ा है। दोनों की रक्षा साझेदारी में बड़ा घटनाक्रम बीते साल देखने को मिला, जब दोनों देशों के बीच पहली बार संयुक्त भूमि सेना अभ्यास हुआ था। प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर भी नियमित रूप से दोनों देशों में बातचीत हो रही है। भारत बीते कुछ समय में सऊदी अरब को रक्षा सामग्री का एक अहम आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है।
पिछले साल सऊदी अरब को करीब 225 मिलियन डॉलर के गोला-बारूद के निर्यात पर एक विशेष समझौता हुआ था। इसके बाद 2023 में 80 मिलियन डॉलर का समझौता हुआ। सऊदी अरब विजन 2030 में भी रक्षा व्यय के 50 फीसदी स्थानीयकरण करना चाहता है। इसने भी भारत के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा किए हैं। पिछले दो सालों में 80 सऊदी नौसैनिक कैडेटों को भारत में ट्रेनिंग मिली थी। ये बढ़ते रक्षा संबंध ना केवल द्विपक्षीय सुरक्षा में बल्कि पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान करते हैं। दोनों देश समुद्री व्यापार मार्गों और वैश्विक चोकपॉइंट्स की सुरक्षा पर मिलकर काम कर रहे हैं। साल 2019 की पीएम मोदी की रियाद यात्रा के दौरान दोनों देशों ने हिंद महासागर और खाड़ी में जलमार्गों को सुरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया था।