पीएम मोदी ने भारत के स्पेस प्रोग्राम की प्रशंसा करते हुए कहा, 'हम अपनी सफलताओं को दुनिया संग बांट रहे'

पोर्ट ऑफ स्पेन, 4 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने की जगह का नाम 'शिव शक्ति बिंदु' रखा।

त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस समय एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद है। हम अब ‘गगनयान’ नाम के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे हैं। जल्द ही एक भारतीय चंद्रमा पर कदम रखेगा और भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन भी होगा।"

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अपनी सफलताओं का फायदा दुनिया के बाकी देशों के साथ बांट रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मुझे भरोसा है कि आप सभी को भारत की तरक्की पर गर्व है। आज का नया भारत इतना आगे बढ़ रहा है कि अब उसके लिए आसमान भी कोई सीमा नहीं है। जब चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा था, तो आप सब ने जरूर खुशी मनाई होगी। जिस जगह चंद्रयान उतरा था, हमने उसका नाम ‘शिव शक्ति बिंदु’ रखा है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले भारतीय समुदाय की सराहना की और उन्हें 'राष्ट्रदूत' और 'भारतीय मूल्यों और संस्कृति के प्रतिनिधि' कहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम अपने प्रवासी भारतीयों की ताकत और समर्थन को बहुत अहम मानते हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले 3.5 करोड़ से ज़्यादा भारतीय प्रवासी हमारे लिए गर्व की बात हैं। जैसा कि मैं अक्सर कहता हूं, आप में से हर एक व्यक्ति भारत के मूल्यों, संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधि है—एक सच्चा राष्ट्रदूत।"

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, "इस साल जब हमने भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया, तो त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू हमारी मुख्य अतिथि थीं। कुछ साल पहले, वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने भी अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया था।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "प्रवासी भारतीय दिवस पर मैंने दुनिया भर में बसे गिरमिटिया समुदाय को सम्मान देने और उनसे जुड़ने के लिए कई पहल शुरू करने की घोषणा की। हम अतीत की जानकारी जुटा रहे हैं और एक बेहतर भविष्य के लिए लोगों को एक-दूसरे से जोड़ रहे हैं। हम गिरमिटिया समुदाय का एक बड़ा और व्यवस्थित डाटा तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इसके तहत हम उन गांवों और शहरों का रिकॉर्ड बना रहे हैं जहां से उनके पूर्वज भारत से गए थे और उन देशों या जगहों की पहचान कर रहे हैं, जहां वे जाकर बसे थे। "

उन्होंने आगे कहा," हम उनके इतिहास और विरासत के संरक्षण के लिए भी काम कर रहे हैं। साथ ही, हम नियमित रूप से ‘विश्व गिरमिटिया सम्मेलन’ आयोजित करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। इससे त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले हमारे भाइयों और बहनों से हमारा ऐतिहासिक और भावनात्मक रिश्ता और मजबूत होगा।"

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

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