नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भारत सरकार ईरान में फंसे अपने नागरिकों को भी वहां से निकाल रही है। ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत 311 यात्रियों को लेकर एक और फ्लाइट दिल्ली पहुंची, जहां उनका स्वागत किया गया। इस दौरान स्वदेश लौटे यात्रियों ने एयरपोर्ट पर ही ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ का उद्घोष किया।
दरअसल, ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारतीय नागरिकों को लेकर अब तक सात फ्लाइट दिल्ली पहुंच चुकी है। रविवार को विशेष विमान से 311 लोगों को वापस लाया गया है। अब तक कुल 1,428 लोगों को ईरान से वापस लाया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ऑपरेशन सिंधु जारी है। 22 जून को मशहद से विशेष उड़ान के माध्यम से 311 भारतीय नागरिक नई दिल्ली पहुंचे। अब तक 1,428 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा चुका है।"
ईरान से भारत लौटे नागरिकों ने सरकार का आभार जताया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम सरकार के काम से खुश हैं। सरकार ने हमारा ख्याल रखा और सुरक्षित ईरान से बाहर निकाला।"
सैय्यद अजहर इमाम रिजवी ने कहा कि हमें ईरान के मशहद से सुरक्षित भारत लाया गया है। मैं भारत सरकार का आभार जताता हूं, जिन्होंने हमारे लिए ईरान में इंतजाम किए और उसके बाद वहां से भारत लाया गया।
ईरान से लौटे मोहम्मद साहिल ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद से वे लोग भारतीय दूतावास के संपर्क में थे। करीब चार-पांच दिन वे ईरान में रहे और उसके बाद वहां से निकालकर भारत लाया गया। उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि भारत सरकार ने युद्ध क्षेत्र से हमें सुरक्षित निकाला है। हमें पहले यह पता चला था कि तुर्कमेनिस्तान या अर्मेनिया के रास्ते निकाला जाएगा, लेकिन आखिर में हमें ईरान से ही फ्लाइट के जरिए लाया गया।"
ईरान से लौटीं अनब सैय्यदा ने कहा, "मैं भारत सरकार का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने युद्ध क्षेत्र से हमें सुरक्षित बाहर निकाला है। भारतीय एंबेसी की तरफ से भी लगातार हमें सहयोग मिल रहा था और इस वजह से भारत सुरक्षित लौट पाए हैं।"
एक अन्य महिला ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा, "मैं लखनऊ की रहने वाली हूं और युद्ध क्षेत्र में फंसे होने के कारण हमारा बहुत अच्छे से ख्याल रखा गया। आज हम सभी लोग प्रधानमंत्री मोदी की वजह से भारत लौट पाए हैं।"
ईरान से लौटीं मरियम ने बताया कि युद्ध क्षेत्र में फंसे होने के कारण उन लोगों ने भारतीय एंबेसी से संपर्क किया था। इसके बाद हमें वहां से लगातार मदद मिलती रही। सबसे पहले हमें ईरान में रहने के लिए होटल मुहैया कराया गया। इसके बाद अगले दिन वहां से हमें सुरक्षित निकाला गया।
--आईएएनएस
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