Indus Water Treaty Controversy: निशिकांत दुबे ने गांधी परिवार पर पाकिस्तान को नहर और डैम बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपए देने का लगाया आरोप

निशिकांत दुबे का आरोप: नेहरू ने पाकिस्तान को डैम बनाने के लिए दिए 14 हजार करोड़
निशिकांत दुबे ने गांधी परिवार पर पाकिस्तान को नहर और डैम बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपए देने का लगाया आरोप

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने गांधी परिवार पर पाकिस्तान में डैम और नहर बनाने के लिए पैसों की मदद करने का आरोप लगाया।

भाजपा सांसद ने सिंधु जल समझौता के आर्टिकल-5 की एक प्रति सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए गांधी परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, "गांधी परिवार ने सांप पाकिस्तान को पानी और खून एकसाथ 77 साल तक पिलाया, लेकिन इस कागज को गौर से पढ़िए भारत के लोगों को मारने के बदले कांग्रेस के सिरमौर प्रधानमंत्री नेहरू ने सिंधू जल समझौता में 80 प्रतिशत भारतीय पानी तो दिया ही, आज के हिसाब से लगभग 14 हजार करोड़ रुपए पाकिस्तान को डैम और नहर बनाने के लिए दिए। देश बेचो, पाकिस्तान को पानी पिलाकर मोटा करो और गोली-गाली खाकर मरो, यही हिंदुस्तान गांधी परिवार ने बनाया?"

दुबे के द्वारा शेयर किए गए सिंधु जल संधि के प्रति में करीब छह करोड़ 20 लाख पाउंड पाकिस्तान को देने का जिक्र है। निशिकांत दुबे द्वारा शेयर किए गए संधि के प्रति में पिछले आर्टिकल का जिक्र करते हुए लिखा है, "अनुच्छेद IV (1) में निर्दिष्ट कार्य प्रणाली के भाग का उद्देश्य पश्चिमी नदियों और अन्य स्रोतों से पाकिस्तान में सिंचाई नहरों के लिए जल आपूर्ति को प्रतिस्थापित करना है, जो 15 अगस्त 1947 को पूर्वी नदियों से जल आपूर्ति पर निर्भर थे, भारत इन कार्यों की लागत के लिए 6,20,60,000 पाउंड स्टर्लिंग का एक निश्चित योगदान देने के लिए सहमत है।"

शेयर किए गए संधि की प्रति में आगे लिखा है, "अंशदान की पाउंड स्टर्लिंग राशि किसी भी मुद्रा के सममूल्य में किसी भी परिवर्तन के बावजूद अपरिवर्तित रहेगी। राशि प्रत्येक वर्ष 1 नवंबर को दस बराबर वार्षिक किस्तों में चुकाई जाएगी। ऐसी वार्षिक किस्तों में से पहली किस्त 1 नवंबर 1960 को चुकाई जाएगी, या यदि संधि उस तिथि तक लागू नहीं हुई है, तो संधि के लागू होने के एक महीने के भीतर। प्रत्येक किस्त का भुगतान बैंक द्वारा स्थापित और प्रशासित किए जाने वाले सिंधु बेसिन विकास निधि के लिए बैंक को किया जाएगा और भुगतान पाउंड स्टर्लिंग में या ऐसी अन्य मुद्रा या मुद्राओं में किया जाएगा, जैसा कि समय-समय पर भारत और बैंक के बीच सहमति हो।"

आगे लिखा है, "प्रदान किए गए भुगतान इस संधि के प्रावधानों के अलावा अन्यथा उत्पन्न होने वाले पाकिस्तान पर भारत के किसी भी वित्तीय दावे के कारण कटौती या सेट-ऑफ के बिना किए जाएंगे, बशर्ते कि यह प्रावधान किसी भी तरह से पाकिस्तान को भारत को अन्य तरीकों से ऋण का भुगतान करने की आवश्यकता से मुक्त नहीं करेगा, जो पाकिस्तान के खिलाफ बकाया हो सकता है।"

 

 

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