काठमांडू, 15 सितंबर (आईएएनएस)। नेपाल में युवाओं के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद, सरकार ने जेन जेड आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है।
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को अंतिम रूप दिया गया। गृह एवं कानून मंत्री ओम प्रकाश आर्यल ने पुष्टि की कि प्रत्येक शहीद के परिवार को कुल 15 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
इसमें 10 लाख रुपए की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता और अंतिम संस्कार व रसद संबंधी खर्चों के लिए 5 लाख रुपए शामिल हैं।
8 और 9 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार द्वारा विवादास्पद प्रतिबंध लगाए जाने के बाद शुरू हुए जेन-जेड विरोध प्रदर्शन जल्द ही देशव्यापी अशांति में बदल गए।
सेंसरशिप और भ्रष्टाचार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के रूप में शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके कारण प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
प्रदर्शनों में 72 लोगों की जान चली गई, जिनमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और तीन पुलिस अधिकारी शामिल हैं, जबकि 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
अभी तक, देश भर में 283 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
मंत्री आर्यल ने कहा कि मुआवजा वित्त मंत्रालय के माध्यम से वितरित किया जाएगा, जिसका समन्वय गृह मंत्रालय या संबंधित जिला प्रशासन कार्यालयों द्वारा किया जाएगा।
वित्तीय सहायता के अलावा, सरकार सभी घायलों को मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान करेगी।
विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के लिए उनके गृहनगर तक परिवहन की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें दूरदराज के क्षेत्रों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी शामिल हैं।
राज्य अंतिम संस्कार समारोहों में भी सहायता करेगा। जेन ज़ेड आंदोलन को नेपाल के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।
भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, और आर्थिक अवसरों की कमी से प्रेरित होकर, इन विरोध प्रदर्शनों का आयोजन मुख्य रूप से 30 वर्ष से कम आयु के युवा नेपालियों द्वारा किया गया था, जिनमें से कई ने इंस्टाग्राम और डिस्कॉर्ड जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से समन्वय किया।
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