नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। दौड़ने की बात आते ही हमारे दिमाग में एथलीट्स, ट्रैक, स्पाइक्स और बिजली-की तेजी से दौड़ते इंसान की छवि उभरती है। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि कोई इंसान चार पैरों पर यानी हाथ और पैरों के बल चीते की तरह ट्रैक पर दौड़ रहा है, तो यकीन करना मुश्किल होगा। जापान के एक शख्स ने यही कर दिखाया है और हाल ही में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह कहानी सिर्फ एक रिकॉर्ड की नहीं, बल्कि इंसानी जिज्ञासा, जुनून और फिटनेस को नए नजरिये से देखने की है।
टोक्यो के 22 वर्षीय रयूसेई योनीए ने हाल ही में चार पैरों पर दौड़ते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह कारनामा किसी जानवर की फुर्ती की तरह लग सकता है, लेकिन यह इंसानी मेहनत, क्रिएटिविटी और जुनून का अनोखा उदाहरण है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार रयूसेई ने 328 फीट (100 मीटर) मात्र 14.55 सेकंड में पूरे कर लिए। उन्होंने यह दौड़ दोनों हाथों और पैरों के बल—यानी चार पैरों पर—दौड़कर पूरी की। उनकी यह उपलब्धि पहले के रिकॉर्ड को मात देती है।
इससे पहले यह रिकॉर्ड अमेरिका के कॉलिन मैक्लर के नाम था, जिन्होंने 2022 में यही दूरी 15.66 सेकंड में पूरी की थी। यानी रयूसेई ने लगभग 1 सेकंड तेज दौड़कर नया इतिहास रच दिया।
योनीए के मुताबिक वह मिडिल स्कूल से ही चार पैरों पर दौड़ रहे हैं। इसका श्रेय अपने उस शिक्षक को भी देते हैं जिन्होंने कहा था कि चार पैरों पर चलने वाले जानवर तेज दौड़ सकते हैं। कहते हैं, "इससे मुझे लगा कि मैं चार पैरों पर चलने वाला सबसे तेज इंसान हो सकता हूं।"
इस धावक की प्रेरणा कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों से मिली! अजीब सी बात है, लेकिन उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को बताया, "मैंने कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों जैसे चार पैरों वाले जानवरों को दौड़ते हुए देखकर इस रिकॉर्ड के लिए तैयारी की थी। ट्रैक पर दौड़ने के लिए अपनी तकनीक को ढालने में उन्हें कुछ समय लगा। मैं ज्यादातर रेत में ही प्रशिक्षण लेता था। ट्रैक पर बहुत ज्यादा रिबाउंड होता है, जिससे मेरी दौड़ने की शैली बदल गई।"
--आईएएनएस
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