कैलिफोर्निया के जंगलों में भीषण आग, सैकड़ों इमारतों पर मंडरा रहा खतरा

लॉस एंजिल्स, 6 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य कैलिफोर्निया के जंगल में लगी आग ने अब तक 82,000 एकड़ (लगभग 332 वर्ग किलोमीटर) से ज्यादा इलाके को अपनी चपेट में लिया है। यह आग पिछले पांच दिनों से भयानक रूप ले चुकी है और सैकड़ों इमारतों को खतरा बना हुआ है।

अमेरिकी वन सेवा और कैलिफोर्निया के वानिकी व अग्नि सुरक्षा विभाग के अनुसार, ‘गिफोर्ड फायर’ नाम की यह जंगल की आग शुक्रवार दोपहर उस समय भड़क उठी, जब कैलिफोर्निया हाईवे के पास चार अलग-अलग जगहों पर आग लग गई और उन्होंने मिलकर एक विकराल आग का रूप धारण कर लिया। यह आग अब सैन लुइस ओबिस्पो और सांता बारबरा काउंटी में सांता लूसिया रोड के पास फैल रही है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि आग की चपेट में आने से 870 से ज्यादा इमारतें खतरे में हैं। मंगलवार सुबह तक इस आग पर सिर्फ 7 प्रतिशत ही काबू पाया जा सका है।

आग की वजह से सांता बारबरा और सैन लुइस ओबिस्पो के लोगों को अपने घर खाली करने का आदेश दिया गया है।

अमेरिकी वन सेवा के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए चेतावनी दी कि आग के अनियमित फैलाव के कारण लोगों को अपने इलाके की बदलती स्थिति पर ध्यान रखना चाहिए।

अधिकारियों ने बताया कि इलाके में गर्मी और सूखा मौसम बुधवार से सप्ताह के अंत तक बना रह सकता है, इसलिए आग पर काबू पाने के लिए दमकलकर्मी उत्तर और दक्षिण दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।

इंसीवेब (अमेरिकी एजेंसी की आपात स्थिति प्रबंधन प्रणाली) के अनुसार, आग बुझाने के लिए 1,900 से ज्यादा दमकलकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 40 हैंड क्रू, 115 फायर इंजन, 23 बुलडोज़र और 30 पानी के टैंकर भी लगाए गए हैं। इन्हें हवाई टैंकरों और हेलीकॉप्टरों की मदद भी मिल रही है।

सांता बारबरा काउंटी अग्निशमन विभाग के प्रवक्ता कैप्टन स्कॉट सेफचुक ने बताया कि आग ऊंची और खड़ी ढलानों पर फैल रही है और इससे बहुत ज्यादा धुआं उठ रहा है।

सेफचुक ने कहा, "आग का ज्यादातर हिस्सा ऐसे दुर्गम इलाकों में है, जहां बुलडोज़र भी नहीं पहुंच सकते।" उन्होंने बताया कि आग बुझाने के लिए अब विमानों की भी मदद ली जा रही है।

राष्ट्रीय मौसम सेवा के लॉस एंजिल्स कार्यालय ने बताया कि यह धुआं दक्षिण-पश्चिम कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। जंगल की आग से उठने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है और इसके दक्षिण और पूर्व की ओर फैलने की आशंका है।

--आईएएनएस

एसएचके/एएस

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