जापान-चीन तनाव के बीच बीजिंग में वार्ता, छात्रों की सुरक्षा पर भी चर्चा तेज

टोक्यो, 18 नवंबर (आईएएनएस)। जापान और चीन में बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को बीजिंग में अहम बैठक की। यह तनाव जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची के हालिया ताइवान संबंधी बयान के बाद बढ़ा है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया है।

क्योदो न्यूज के मुताबिक, जापान के विदेश मंत्रालय के एशियाई-ओशियाई मामलों के ब्यूरो के प्रमुख मासाआकी कनाई ने चीन के अपने समकक्ष लियू जिनसॉन्ग के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। माना जा रहा है कि टोक्यो इस बातचीत के जरिए कूटनीतिक तनाव को कम करना चाहता है, जो पर्यटन, शिक्षा और मनोरंजन क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान को प्रभावित कर रहा है।

यह वार्ता उस समय हुई है जब प्रधानमंत्री ताकाइची ने 7 नवंबर को संसद की एक समिति में कहा था कि ताइवान पर सैन्य हमले की स्थिति को जापान के लिए "जीवन-धमकीपूर्ण परिस्थिति" माना जा सकता है। उनके संकेत से यह भी स्पष्ट था कि ऐसी स्थिति में जापानी सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज की प्रतिक्रिया संभव है। इस बयान पर चीन ने सख्त विरोध जताया था।

तनाव के मद्देनजर, जापानी सरकार ने चीन में पढ़ रहे अपने छात्रों के लिए सुरक्षा नोटिस जारी करने का फैसला किया है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद शिक्षा मंत्री योहेई मात्सुमोतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने चीन में मौजूद छात्रों, उनके परिवारों और फैकल्टी सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है।"

बीजिंग स्थित जापानी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को सतर्क रहने और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी है।

इसी बीच, जापान में अमेरिकी राजदूत जॉर्ज ग्लास ने सेनकाकू द्वीपसमूह के पास चार चीनी कोस्ट गार्ड जहाज़ों के घुसने की घटना के बाद जापान की रक्षा के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।

उन्होंने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किया, "साफ शब्दों में कहें तो अमेरिका, सेनकाकू द्वीपों सहित, जापान की रक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चीनी कोस्ट गार्ड के जहाजों की तैनाती इससे कुछ नहीं बदल सकती। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस वर्ष जापान के शांतिपूर्ण प्रशासन को कमजोर करने वाली किसी भी कार्रवाई का मजबूत विरोध दोहराया है।"

--आईएएनएस

डीएससी

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